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PC: Moneycontrol
केंद्र सरकार भारतीय नागरिकों के लिए कई योजनाएं चलाती है, जो महिलाओं से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक के लिए होती है। ये योजनाएं लाखों लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, लेकिन लाभार्थियों को इन लाभों का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवयश्क होता है और आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने होंगे।
इन आवश्यकताओं के बावजूद, कई अपात्र व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके इन योजनाओं का लाभ उठाने में कामयाब हो जाते हैं। सरकार कई वित्तीय सहायता योजनाएं चलाती है, जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जहां लोगों ने लाभ प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी से पंजीकरण किया है, जिससे सरकारी संसाधनों का दोहन हुआ है।
सरकार करती है कार्रवाई
सरकार अब इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। प्रतिनिधि उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जो वास्तव में पात्र नहीं हैं, लेकिन फिर भी लाभ उठा रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को योजनाओं से हटाया जा रहा है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
होती है वसूली
इसके अलावा, सरकार उन लोगों से भी धनराशि वसूलती है, जिन्होंने इन योजनाओं से अवैध रूप से लाभ उठाया है। धोखाधड़ी करने वाले लाभार्थियों की पहचान करने के बाद, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि ली गई राशि की प्रतिपूर्ति की जाए।
जेल को लेकर नहीं है प्रावधान
हालांकि, कानून में सरकारी योजनाओं से संबंधित ऐसी धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए सजा के रूप में कारावास का स्पष्ट प्रावधान नहीं है। हालांकि ऐसे अपराधों के लिए जेल की सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन अगर धोखाधड़ी बड़ी है, तो अपराधियों को अभी भी कारावास का सामना करना पड़ सकता है।