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pc:tv9hindi
केंद्रीय कर्मचारी यूनियनें जहां बजट में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को शामिल करने पर जोर दे रही हैं, वहीं कर्नाटक सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों के वेतन को लेकर एक अहम घोषणा की है। 7वें वेतन आयोग के तहत कर्नाटक सरकार ने वेतन में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले से कर्मचारियों के वेतन में ₹90,600 तक की बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार ने हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस कदम से राज्य के खजाने पर ₹20,000 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा का विवरण इस प्रकार है।
वेतन वृद्धि की घोषणा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को घोषणा की कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, राज्य सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में 1 जुलाई, 2022 से 58.5% की वृद्धि होगी। संशोधित वेतन और पेंशन इस साल 1 अगस्त से लागू होगी, जिसमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 32% की वृद्धि होगी।
अपने बयान में सिद्धारमैया ने कहा कि आयोग की सिफारिशों के बाद 15 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के वेतन, वेतन संबंधी भत्ते और पेंशन में 1 अगस्त 2024 से संशोधन किया जाएगा। इसके अनुसार 1 जुलाई 2022 तक के मूल वेतन में 31% महंगाई भत्ता और 27.50% फिटमेंट जोड़कर संशोधन किया जाएगा।
बढ़ोतरी की सीमा
बयान में बताया गया है कि कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में 58.50% की बढ़ोतरी होगी। HRA में भी 32% की बढ़ोतरी की जाएगी। सिद्धारमैया के अनुसार, कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन ₹17,000 से बढ़कर ₹27,000 हो जाएगा, जबकि अधिकतम वेतन ₹1,50,600 से बढ़कर ₹2,41,200 हो जाएगा। न्यूनतम पेंशन ₹8,500 से बढ़कर ₹13,500 हो जाएगी और अधिकतम पेंशन ₹75,300 से संशोधित होकर ₹1,20,600 हो जाएगी।
किस पर लागू होगा ये आदेश
सिद्धारमैया ने कहा कि यह संशोधन विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों और स्थानीय निकायों पर लागू होगा। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि इस वेतन संशोधन के परिणामस्वरूप ₹20,208 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक व्यय होगा, जिसके लिए 2024-25 वित्तीय वर्ष के बजट में आवश्यक बजटीय प्रावधान किए गए हैं। वेतन, भत्ते और पेंशन संशोधन की मांगों को पूरा करने के लिए 19 नवंबर, 2022 को 7वें राज्य वेतन आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने इस साल 24 मार्च को अपनी रिपोर्ट पेश की।
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