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मुंबई : तेल एवं गैस, दवा और बैंकिग शेयरों में बिकवाली से घरेलू शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक मंगलवार को लगातार आठवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। मिले-जुले वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से कारोबारी धारणा प्रभावित हुई और बाजारों में गिरावट जारी रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 326.23 अंक यानी 0.55 प्रतिशत गिरकर चार माह के निचले स्तर 58,962.12 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 492.38 अंक गिरकर 58,795.97 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 88.75 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी कारोबार के अंत में 17,303.95 अंक पर बंद हुआ।
यह लगातार आठवां कारोबारी दिन है जब दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। पिछले साढ़े तीन साल में पहली बार दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट का इतना लंबा दौर देखा गया है। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक दो प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, टेक महिद्रा, टाइटन, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयरों में भी गिरावट रही।
दूसरी तरफ एशियन पेंट्स, महिद्रा एंड महिद्रा, पावरग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की और चीन के शंघाई कम्पोजिट में बढ़त रही जबकि हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों दोपहर के कारोबार में गिरावट में थे। एक दिन पहले अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने और मुद्रास्फीति का जोर रहने से वैश्विक निवेशकों की शेयर बाजारों में दिलचस्पी घट रही है। उन्होंने कहा, ''भारत के लिए दोहरी मार यह है कि यहां का बाजार अब भी अन्य बाजारों की तुलना में महंगा है जिससे इसका प्रदर्शन कमतर नजर आ रहा है।’’ अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.67 प्रतिशत चढ़कर 83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस बीच, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2,022.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।