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जयपुर। पिछले सप्ताह बीएसई और एनएसई सूचकांक ने अपने सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने की कामयाबी भले ही कर ली हो, लेकिन सूचकांक का यह स्तर एक दिन भी संभाला नहीं जा पाया। निफ्टी के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है कि निफ्टी सर्वोच्च ऊंचाई पर एक ही दिन में सर्वोच्च स्तर से निफ्टी ने 256 अंकों का गोता भी लगा लिया। शेयर बाजार में तेजी के साथ पिछले सप्ताह मुद्रा बाजार में भी तेजी का रुख रहा और भारतीय रुपए की तुलना में डॉलर 14 पैसे बढ़कर 83.42 रुपए के स्तर पर पहुंच गया, जिसे आयात पर काफी हद तक निर्भर हमारी अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय और बाजार पर दूरगामी असर के रूप में भी देखा जा सकता है। कारोबारियों का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और पिछले सप्ताह बिकवाली में और हुई बढ़ोतरी के पीछे रुपए-डॉलर मूल्य भी एक कारण हो सकता है। शेयर बाजार की तेजी के अवरोध के रूप में कच्चे तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा तनाव और सोने-चांदी की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को माना जा सकता है, लेकिन सोमवार को शुरू हो रहे सप्ताह में यह भी तय है कि भारतीय कंपनियों के घोषित हो रहे वार्षिक कार्य परिणामों का असर शेयर बाजार और सूचकांक पर जरूर नजर आएगा।
भारतीय शेयर बाजारों में नए वित्तीय वर्ष से शुरू हुई तेजी अब स्थिरता में बदल गई है। आंकड़ों के अनुसार गत सप्ताह बीएसई सूचकांक में 3.32 अंक की गिरावट रही और बीएसई 74244.90 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी सूचकांक में महज 5.70 अंक की तेजी रही और यह 22519.40 पर बंद हुआ। खास बात यह भी रही कि मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांकों और मूल सूचकांक में विरोधाभास जरूर नजर आया और मूल सूचकांक की स्थिरता के विपरीत इनमें तेजी रही, जो इन दोनों ही सेक्टर के भविष्य की ओर इशारा कर रहा है। बुलियन बाजार की बात करें तो इस सप्ताह सोने के भावों में जहां 1700 रुपए प्रति 10 ग्राम का सुधार रहा, वहीं चांदी के भावों में 2100 रुपए प्रति किलो की तेजी रही और सोने के भाव 72,600 रुपए प्रति दस ग्राम से बढ़कर 74,300 रुपए प्रति दस ग्राम और चांदी 82,600 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 84,700 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई। कारोबारियों का कहना है कि बुलियन कारोबार में जो सुधार चल रहा है, उसके पीछे अन्तर्राष्ट्रीय तनाव बड़ा कारण है, लेकिन इस तेजी ने ग्राहकी को बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है।
इस सप्ताह में बाजार के रुख के बारे में कारोबारियों का कहना है कि इस सप्ताह अन्तर्राष्ट्रीय तनाव के कारण शेयर बाजार में सुधार की संभावनाएं कम ही है। ऐसे में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। इस सप्ताह बजाज ऑटो, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई, हिन्दुस्तान जिंक, एचडीएफसी बैंक, क्रिसिल आदि कंपनियों के कार्य परिणामों की घोषणा होगी। कंपनियों के घोषित कार्य परिणामों और अपेक्षाओं के आधार पर बाजार में स्वाभाविक रूप से उतार-चढ़ाव भी आएंगे और गिरावट की दशा में ऐसी कंपनियों में निवेशकों को निवेश का मौका देखना चाहिए। कारोबारियों की पसंद के अनुसार नए निवेश की दृष्टि से स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, भेल, जोमैटो, टीसीएस, कोल इण्डिया, एचएफसीएल, यश बैंक आदि को सुरक्षित निवेश माना जा सकता है। इस सप्ताह मेन बोर्ड में 18 से 22 अप्रैल के बीच देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ वोडाफोन आइडिया का 18 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लिए 10 से 11 रुपए के मूल्य का आईपीओ जारी होगा, जिसे कम्पनी की अनेक कमियों के बावजूद न्यूनतम जोखिम पर निवेश का मौका माना जा सकता है। इससे पूर्व 15 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ यश बैंक लाया था और इसके बाद जनवरी 2023 में अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 करोड़ के आईपीओ की घोषणा की थी, जिसे वापस ले लिया गया। एसएमई प्लेटफार्म पर भी एक कम्पनी एमफोर्ज ऑटोटेक का आईपीओ निवेशकों के आवेदन के लिए उपलब्ध रहेगा, लेकिन मामूली लाभ में चल रही और कर्ज में डूबी यह कम्पनी भी निवेशकों को 93 से 98 रुपए पर शेयर प्रस्तावित कर रही है, जिसे मांगे जा रहे प्रीमियम के आधार पर जोखिम भरा माना जा सकता है। उधर, सेबी के पास आने वाले नए आईपीओ आवेदनों में इस सप्ताह एक कम्पनी टोलिन टायर्स ने अपना संशोधित ड्राफ्ट हेरिंग प्रोस्पेक्टस-डीआरएचपी पेश किया है।
विमल कोठारी,
वरिष्ठ पत्रकार
- यह लेखक के निजी विचार है। लेख में उल्लेखित कंपनियों में लेखक, उसके परिजन व परिचितों का निवेश हो सकता है।