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संजय मल्होत्रा ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। तीन दशकों के सार्वजनिक नीति अनुभव और नई इनकम टैक्स व्यवस्था लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले मल्होत्रा ऐसे समय में RBI की जिम्मेदारी ले रहे हैं, जब भारत की अर्थव्यवस्था उच्च महंगाई और धीमी वृद्धि दर की चुनौती का सामना कर रही है।
शिक्षा और प्रशासनिक अनुभव
राजस्थान के मूल निवासी और 1990 बैच के IAS अधिकारी संजय मल्होत्रा ने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक और प्रिंसटन विश्वविद्यालय (अमेरिका) से सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में वित्त, खनिज, ऊर्जा और कराधान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।
करियर की मुख्य उपलब्धियां
केंद्र में योगदान:
- वित्तीय सुधार: वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव रहते हुए उन्होंने कर प्रणाली में व्यापक सुधार किए।
- विद्युत मंत्रालय में नेतृत्व: REC के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान।
राजस्थान में योगदान:
- खनिज और ऊर्जा विभाग: पारदर्शिता और प्रभावी वित्तीय नीतियों को बढ़ावा दिया।
- वाणिज्यिक कराधान में सुधार: कर प्रणाली को सरल और सुलभ बनाया।
नई इनकम टैक्स व्यवस्था के शिल्पकार
संजय मल्होत्रा ने नई आयकर प्रणाली को लागू करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कर प्रणाली को सरल और वेतनभोगी वर्ग के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए प्रयास किए।
- प्रत्यक्ष कर सुधार: आयकर अधिनियम को सरल बनाया।
- जीएसटी और अप्रत्यक्ष कराधान: ईंधन निर्यात, कच्चे तेल और ऑनलाइन गेमिंग जैसे क्षेत्रों में कर स्पष्टता प्रदान की।
मौजूदा आर्थिक चुनौतियां
संजय मल्होत्रा ऐसे समय RBI का नेतृत्व संभाल रहे हैं जब:
- GDP वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4% तक गिर गई।
- खुदरा महंगाई अक्टूबर 2024 में 6.21% तक पहुंच गई।
मल्होत्रा का दृष्टिकोण
संजय मल्होत्रा का मानना है कि आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए RBI और सरकारी नीतियों का तालमेल जरूरी है। उनकी टीम वर्क की शैली और सहमति बनाने की क्षमता से उम्मीद है कि वह मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों में सामंजस्य स्थापित करेंगे।
वित्त मंत्री के साथ बेहतर तालमेल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध नीति निर्माण को प्रभावी बनाने में सहायक साबित होंगे।