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हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दी है। इस पोस्ट के अनुसार, यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और लाखों कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
PIB ने किया फैक्ट चेक:
भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इस खबर का फैक्ट चेक किया और इसे पूरी तरह से फर्जी बताया। PIB ने ट्वीट कर कहा:
"सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 62 साल कर दी है। यह दावा फर्जी है। सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है।"
PIB ने जनता से अपील की कि वे बिना सत्यापन के ऐसी भ्रामक खबरें शेयर न करें।
सरकार की आधिकारिक स्थिति
अगस्त 2023 में, लोकसभा में सरकार ने स्पष्ट किया था कि केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कार्मिक मंत्रालय ने कहा था कि सेवानिवृत्ति आयु 60 साल ही बनी रहेगी।
वायरल पोस्ट में क्या दावा किया गया?
- रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल।
- यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।
- अनुभवी कर्मचारियों का कार्यकाल बढ़ने से देश को लाभ मिलेगा।
- पेंशन भुगतान में देरी से सरकार का वित्तीय दबाव कम होगा।
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के संभावित लाभ
- अनुभवी कर्मचारियों का योगदान: कार्यक्षमता और अनुभव का देश को अधिक लाभ।
- पेंशन बजट पर राहत: पेंशन भुगतान में देरी से सरकारी खर्च में कमी।
- नई भर्तियों की योजना: नई भर्तियों के लिए समय मिल सकता है।
फर्जी खबरों से बचाव के उपाय
- हमेशा सूचना की पुष्टि आधिकारिक स्रोतों, जैसे PIB या सरकारी वेबसाइट, से करें।
- भ्रामक पोस्ट को बिना जांचे-परखे शेयर न करें।
महत्वपूर्ण FAQs
1. क्या रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का कोई निर्णय हुआ है?
नहीं, सरकार ने रिटायरमेंट आयु 60 से 62 साल करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
2. वायरल पोस्ट का दावा क्या था?
पोस्ट में कहा गया कि रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 62 साल कर दी गई है और यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
3. सरकार ने इस दावे पर क्या कहा?
सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।
4. PIB ने इस पर क्या बयान दिया?
PIB ने इस खबर को पूरी तरह से फर्जी बताया।
5. रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के क्या फायदे हो सकते हैं?
इससे अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं का अधिकतम उपयोग और पेंशन बजट पर दबाव कम किया जा सकता है।