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गांधीनगर। गुजरात में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कुल संख्या 1,18,086 तक पहुंच गयी है। इनमें से 1,06,341 दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहन, 4093 तिपहिया वाहन और 5646 चार पहिया वाहन तथा शेष 2006 अन्य श्रेणी में आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार गुजरात में ई-व्हीकल पॉलिसी लागू होने के बाद ईवी के पंजीकरण में 1475 फीसदी का भारी उछाल देखने को मिला है। आज राज्य में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 1,18,086 तक पहुंच गई है जो पहले केवल 7,240 थी। पिछले पांच महीनों के दौरान प्रति माह 8,858 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए हैं। गुजरात में सर्वाधिक 31,561 इलेक्ट्रिक व्हीकल सूरत में पंजीकृत हुए हैं।
उसके बाद अहमदाबाद में 20,937, वडोदरा में 7,648, राजकोट में 6,678 और जामनगर में 3,259 इन वाहनों का पंजीकरण हुआ है। राज्य सरकार गुजरात में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। गुजरात के अलग-अलग शहरों में तेजी से ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। अभी राज्य में कुल 152 चार्जिंग स्टेशन हैं। आने वाले समय में 250 नए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सरकार ने राज्य के हर क्षेत्र में एक समान चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने और चार्जिंग स्टेशन साइट की चयन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बायसेग-एन (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो- इंफॉर्मेटिक्स) के साथ मिलकर जोन्स/ हॉटस्पॉट्स चिह्नित किए हैं। इसके अनुसार महानगर पालिका क्षेत्र में 91, नगर पालिका क्षेत्रों में 48, राज्य राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 96 हॉटस्पॉट्स तथा पर्यटन स्थलों पर 15 हॉटस्पॉट्स का चयन किया गया है।राज्य सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को लेकर जागरूक करने के सभी प्रयास कर रही है।
वर्ष 2021 में लागू इस पॉलिसी के अंतर्गत दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिकतम 20,000 रुपए, तिपहिया वाहनों पर अधिकतम 50,000 रुपए और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिकतम 1,50,000 रुपए की सब्सिडी देती है। राज्य सरकार ने बतौर सब्सिडी अब तक 133.83 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।यह नीति चार वर्षों की समयावधि के लिए कार्यरत रहेगी जिसके अंतर्गत कुल दो लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी गुजरात की ग्रीन ग्रोथ यानी हरित विकास की रणनीति का एक अहम हिस्सा है। स्वच्छ और हरित विकास से भारत में औद्योगिक और आर्थिक परिवर्तन होगा।
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन और वायु प्रदूषण को कम कर हरित विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने और प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ईवी एक नया क्षेत्र है और एक नया मार्केट भी है। इसके कारण इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन हो रहा है। गुजरात जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम कर और परिवहन ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाकर चिरस्थायी भविष्य के निर्माण में अहम योगदान दे रहा है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता मौजूदा दौर में काफी तेजी से बढ़ रही है। वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने, और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर लोगों में बढ़ रही जागरूकता और इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकार के द्वारा मिल रहे आकर्षक आर्थिक प्रोत्साहन के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में तेजी से बढ़ोतरी नजर आ रही है। राज्य सरकार ने गुजरात को इलेक्ट्रिक व्हीकल और इससे संबंधित उपकरणों का विनिर्माण हब बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2021 में ई-व्हीकल पॉलिसी जारी की थी। आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ई- व्हीकल (ईवी) की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
Pc:Navbharat Times