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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोट बदलने और जमा करने के लिए एक सरल और पारदर्शी प्रक्रिया लागू की है। इस पहल का उद्देश्य आम जनता को आसानी से नोट बदलने और बैंक खातों में राशि जमा करने की सुविधा देना है। यह कदम बड़े मूल्यवर्ग के नोटों को धीरे-धीरे प्रचलन से हटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
2,000 रुपये के नोट की छपाई क्यों बंद हुई?
- 2,000 रुपये का नोट नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण के बाद नकदी संकट को दूर करने के लिए पेश किया गया था।
- वित्त वर्ष 2018-19 में छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की पर्याप्त आपूर्ति होने के बाद इसकी छपाई बंद कर दी गई।
- मई 2023 में, आरबीआई ने इन नोटों को प्रचलन से हटाने का निर्णय लिया, और अब तक 98% नोट वापस लिए जा चुके हैं।
डाकघरों और बैंकों के जरिए प्रक्रिया को सरल बनाया गया
नोट बदलने की प्रक्रिया:
- फॉर्म डाउनलोड करें: आरबीआई की वेबसाइट से “फॉर्म-अन्य” डाउनलोड करें और उसमें अपना नाम, पता, संपर्क विवरण, और बैंक खाता जानकारी भरें।
- जरूरी दस्तावेज जमा करें:
- नोट जमा करें: फॉर्म और दस्तावेजों के साथ नोट नजदीकी डाकघर में जमा करें।
- जमा की गई राशि: जांच के बाद राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा की जाएगी।
डाकघरों की भूमिका:
डाकघरों के जरिए नोट बदलने की सुविधा उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनकी पहुंच आरबीआई के कार्यालयों तक नहीं है। यह पहल हर वर्ग के लोगों को सहूलियत प्रदान करती है।
2,000 रुपये के नोटों की घटती जरूरत:
आरबीआई की इस योजना से नकदी प्रबंधन और लेन-देन में छोटे मूल्यवर्ग के नोटों के उपयोग को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही, बड़े मूल्यवर्ग की नकदी की निर्भरता कम हुई है।
बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने इस प्रक्रिया को सराहा और इसे जनता के लिए सरल और सुलभ बनाने पर जोर दिया।