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pc: jagran
राजस्थान विधानसभा में भजनलाल सरकार ने पूर्ण बजट में किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कृषि के लिए अलग से बजट बनाया है, जिसमें पांच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है: सिंचाई, बिजली, कृषि विपणन, आधुनिक कृषि और कृषि विकास। मानसून पर राजस्थान की निर्भरता को देखते हुए सरकार ने किसानों के लिए सिंचाई को प्राथमिकता दी है।
मुख्य घोषणाएं:
सिंचाई बजट: ईआरसीपी परियोजना के तहत, चंबल बेसिन में पांच प्रमुख लिंक और कार्य विकसित किए जाएंगे, जिससे 280,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। दीर्घकालिक योजना में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से रन-ऑफ वाटर ग्रिड की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इंदिरा गांधी नहर परियोजना के दूसरे चरण के लिए 1,430 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस वर्ष, 5,000 किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए सब्सिडी मिलेगी, जिसकी लागत लगभग 160 करोड़ रुपये है।
बिजली बजट: सरकार बिना कनेक्शन वाले किसानों को 145,000 बिजली कनेक्शन देगी। कृषि कनेक्शनों का विद्युत भार बढ़ाने के लिए स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना लागू की जाएगी। अगले साल से कुसुम योजना के तहत कृषि कनेक्शनों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा, जिससे दिन में सिंचाई के लिए बिजली सुनिश्चित होगी। इस योजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि विकास बजट: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के मॉडल पर राजस्थान कृषि विकास योजना बनाई जाएगी, ताकि कृषि एवं बागवानी परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित किया जा सके तथा किसानों का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके। इस वर्ष कृषि विकास के लिए 650 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
आधुनिक कृषि बजट: आधुनिक कृषि में प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों के लिए 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को सहायता एवं प्रशिक्षण देने के लिए जैविक एवं परम्परागत कृषि बोर्ड की स्थापना की जाएगी। गोवर्धन जैविक खाद योजना के तहत गाय के गोबर से जैविक खाद बनाने के लिए प्रति किसान 10,000 रुपए दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त ज्ञान संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत 100 युवा प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण के लिए इजरायल एवं अन्य देशों में भेजा जाएगा, जिसमें से 5,000 युवा भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
कृषि विपणन बजट: 23,000 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसल ऋण वितरित किए जाएंगे, जिससे 500,000 नए किसानों को लाभ मिलेगा। ब्याज अनुदान पर 736 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सहकारी बैंकों से दीर्घकालिक कृषि ऋण बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किया जाएगा, जिसमें 5% ब्याज अनुदान प्रस्तावित है, जिसकी लागत करीब 64 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा, 500 नए किसान उत्पादक संगठन स्थापित किए जाएंगे और 2,500 किसानों के लिए प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए 22 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
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