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संपत्ति खरीदते समय केवल रजिस्ट्री करवाने से ही आप कानूनी रूप से मालिक नहीं बन जाते। रजिस्ट्री के बाद "दाखिल-खारिज" जैसी जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं, तो संपत्ति पर कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकता है।
रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन क्यों है जरूरी?
- म्यूटेशन प्रक्रिया के तहत संपत्ति का स्वामित्व सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होता है।
- यह प्रक्रिया भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत अनिवार्य है।
- संपत्ति कर भुगतान और संपत्ति से संबंधित कानूनी अधिकार के लिए म्यूटेशन आवश्यक है।
- यह प्रक्रिया भविष्य में विवादों को रोकने में मदद करती है।
रजिस्ट्री से स्वामित्व का दावा क्यों नहीं होता?
- रजिस्ट्री संपत्ति के हस्तांतरण का एक कानूनी दस्तावेज है।
- लेकिन दाखिल-खारिज प्रक्रिया के बिना, संपत्ति का पूरा स्वामित्व नहीं माना जाता।
- दाखिल-खारिज करवाने के बाद ही आप संपत्ति से ऋण लेने या अन्य कानूनी अधिकार प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
संपत्ति खरीदने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
- रिकॉर्ड चेक करें:
- संपत्ति के कानूनी रिकॉर्ड और स्वामित्व की स्थिति को ध्यानपूर्वक जांचें।
- खेत की जमीन:
- यदि खेत खरीद रहे हैं, तो राज्य सरकार के राजस्व विभाग से संबंधित डाक्यूमेंट्स की जानकारी प्राप्त करें।
- खसरा नंबर:
- भूमि की सम्पूर्ण डिटेल्स खसरा नंबर की मदद से निकाली जा सकती हैं।
- रेसिडेंशियल अनुमति:
- अगर जमीन पर घर बनाना चाहते हैं, तो यह जांचें कि जमीन पर आवासीय अनुमति है या नहीं।