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किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएँ चलाती है, जिनमें से एक है 2019 में शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना।इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक मदद मिलती है।
अब तक सरकार ने इस योजना के तहत करीब 9 करोड़ किसानों को कुल ₹3 लाख करोड़ वितरित किए हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। अगर कोई व्यक्ति इन मानदंडों को पूरा किए बिना योजना के लिए आवेदन करता है, तो सरकार उनसे पैसे वसूल करेगी।
फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने वालों या धोखाधड़ी करने वालों से वसूली:
भारत सरकार उन लोगों पर नकेल कस रही है जो विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करते हैं या धोखाधड़ी करते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे लोगों की संख्या काफी ज़्यादा है, जो सरकार को काफ़ी आर्थिक नुकसान पहुँचाते हैं। पीएम-किसान योजना में कई लोग फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी से वित्तीय लाभ प्राप्त करते पाए गए हैं। सरकार अब इन लोगों से पैसे वसूलेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। पात्रता मानदंड पूरा न करने वाले किसी भी व्यक्ति को पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन नहीं करना चाहिए।
योजना के लिए कौन आवेदन नहीं कर सकता?
पीएम-किसान योजना का लाभ उठाने के लिए प्राथमिक आवश्यकता यह है कि किसान के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में न हो। अगर परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी करता है, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, जो व्यक्ति आयकर दायरे में आते हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
इसके अलावा, जो किसान इंजीनियर, वकील या चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे अन्य व्यवसायों में लगे हैं, वे भी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। अब तक इस योजना के तहत किसानों को 16 किस्तें वितरित की जा चुकी हैं और 17वीं किस्त का अभी इंतजार है।
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