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जयपुर। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र आवेदकों का अवैध सत्यापन कर राशि हस्तांतरण के प्रकरण में सहकारिता विभाग द्वारा वसूली की कार्रवाई राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से की जा रही है। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सोमवार को राज्य विधान सभा में इस बात की जानकारी दी है।
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र आवेदकों का अवैध सत्यापन कर राशि हस्तांतरण के प्रकरण में सहकारिता विभाग द्वारा वसूली की कार्यवाही की जा रही है। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इसके साथ ही बोल दिया कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विभाग ई-केवाईसी के माध्यम से एक नया सिस्टम भी शुरु कर रहा है।
वर्ष 2020 में 2442 किसानों ने अवैध सत्यापन के जरिए प्राप्त की राशि
खींवसर ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना वर्ष 2019 में लांच की गई थी। योजना के अंतर्गत किसानों को 6000 रुपए प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए ई-मित्र और कस्टमर सर्विस सेंटर के जरिए ऑनलाइन आवेदन होते थे तथा आरआई और तहसीलदार इनका सत्यापन करते थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में 2442 किसानों ने अवैध सत्यापन के जरिए राशि प्राप्त की।
योजना की टेक्नीकल टीम ने माना था ओटीपी का गलत उपयोग किया गया है
खींवसर ने इस दौरान विधानसभा में जानकारी दी कि 19 अक्टूबर, 2020 को सहकारिता विभाग द्वारा जिला कलक्टर को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद दिल्ली से आई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की टेक्नीकल टीम ने माना था कि प्रकरण में हैकिंग नहीं हुई है, बल्कि ओटीपी का गलत उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि 15 दिसम्बर, 2021 को सभी तहसीलदारों को जिला कलक्टर द्वारा रिकवरी के लिए पत्र लिखा गया था।
PC: abplive
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