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IMPS New Service: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया IMPS सेवा को और अधिक सुविधाजनक बनाने जा रहा है. इसके तहत अब लाभार्थी को बैंक खाते से लिंक किए बिना सीधे 5 लाख रुपये तक भेजे जा सकते हैं।
इसके लिए सिर्फ लाभार्थी का मोबाइल नंबर और बैंक में रजिस्टर्ड नाम की जरूरत होगी. यह सुविधा जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी। मौजूदा व्यवस्था में IMPS के जरिए पैसे भेजने के लिए लाभार्थी का नाम, उसका बैंक खाता नंबर और बैंक का IFSC कोड डालकर रजिस्ट्रेशन करना होता है.
रजिस्ट्रेशन की इस प्रक्रिया में कुछ समय भी लगता है. जब तक लाभार्थी का विवरण दूसरे खाते से लिंक नहीं हो जाता तब तक राशि नहीं भेजी जा सकती। एक बार खाता लिंक हो जाने पर, लाभार्थी को तुरंत IMPS के माध्यम से पैसा प्राप्त हो जाता है। नए नियम के लागू होने के बाद अकाउंट डिटेल जोड़ने की प्रक्रिया पूरी नहीं करनी होगी.
लाभार्थी का सत्यापन कर सकेंगे
बताया जा रहा है कि IMPS की नई सेवा लाभार्थी को सत्यापित करने की सुविधा भी प्रदान करेगी। इससे पैसे भेजने वाला यह देख सकेगा कि जिसे वह पैसे भेज रहा है उसका अकाउंट नंबर सही है या नहीं। नया फीचर प्रेषक को बैंक विवरण में दर्ज नाम को दोबारा जांचने में मदद करेगा।
इन क्षेत्रों में विस्तार होगा
एनपीसीआई ने कहा कि यह नई व्यवस्था थोक और खुदरा लेनदेन वाले कॉरपोरेट्स तक विस्तारित की जाएगी। इसकी ऊपरी सीमा उनकी नीतियों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होगी।
अभी पैसे भेजने के दो तरीके
– पहले तरीके में पैसे भेजने के लिए बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम और बैंक का IFSC कोड का इस्तेमाल करना होगा. इनका उपयोग करके लाभार्थी के खाते को अपने खाते से लिंक करना होगा।
– दूसरी विधि में एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसे भेजते समय लाभार्थी की पहचान करने के लिए मोबाइल नंबर और मोबाइल मनी आइडेंटिफ़ायर (एमएमआईडी) का उपयोग करना शामिल है। एमएमआईडी सात अंकों की एक संख्या है जो बैंक अपने ग्राहक को जारी करता है।