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जीएसटी प्रक्रिया लागू होने के बाद धोखाधड़ी की नीयत से बिना किसी कारोबार के बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड हो गईं। भौतिक जांच में सैकड़ों रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पिछली तीन-चार बैठकों से लंबित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।
जीएसटी पोर्टल पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया जा सकता है। 22 जून को नई दिल्ली में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस नियम पर फैसला लिया जा सकता है। आधार के बायोमेट्रिक सत्यापन से रजिस्ट्रेशन होने पर जीएसटी के नाम पर धोखाधड़ी करना आसान नहीं होगा।
अगली बैठक होगी काफी अहम
जीएसटी प्रक्रिया लागू होने के बाद धोखाधड़ी की नीयत से बिना किसी कारोबार के बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड हो गईं। भौतिक जांच में सैकड़ों रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए। हालांकि आज भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए अपना आधार नंबर देना होता है, लेकिन अब बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होता। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक पिछले साल अक्टूबर में हुई थी, इसलिए आने वाले शनिवार को होने वाली बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पिछली तीन-चार बैठकों के कई लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी।
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। अब जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ प्रति माह को पार कर गया है और यह व्यवस्था भी पांच साल पुरानी हो गई है। इनवर्टेड ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने के लिए कई वस्तुओं पर जीएसटी दरें भी बढ़ाई जा सकती हैं। स्वास्थ्य बीमा पर कम हो सकता है जीएसटी पिछले साल कई राज्यों में चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए परिषद की बैठक में कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव नहीं किया गया था। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा पर 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की यह पुरानी मांग रही है और इससे स्वास्थ्य बीमा खरीदना भी सस्ता हो जाएगा।
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर परिषद की राय ली जा सकती है, क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय कई साल पहले ही विमानन ईंधन और गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश कर चुका है। हालांकि, इस पर कोई भी फैसला फिलहाल बहुत मुश्किल है, क्योंकि कोई भी राज्य इसके लिए तैयार नहीं है। दरअसल, पेट्रोलियम सरकारों के लिए राजस्व जुटाने का एक बड़ा माध्यम है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भी काउंसिल से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी की जीएसटी दर को कम करने का अनुरोध किया है। कंपनियों का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाए जाने के बाद उनकी लागत बढ़ गई है।