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आयकर
सरकारी कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि की नई ब्याज दरें तय कर दी गई हैं. सरकार ने बताया है कि जनरल प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों को जनवरी 2024 से तीन महीने यानी चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलने वाला है.
वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
वित्त मंत्रालय ने हालिया नोटिफिकेशन में जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड के ब्याज पर फैसले की जानकारी दी. अधिसूचना गुरुवार देर शाम जारी की गयी. नोटिफिकेशन के मुताबिक, मार्च तिमाही के दौरान जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज दिया जाएगा, जो दिसंबर तिमाही में भी 7.1 फीसदी था. इसका मतलब है कि जीपीएफ की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इन भविष्य निधियों पर ब्याज भी स्थिर रहता है
जीपीएफ के अलावा अन्य समान भविष्य निधि पर भी मार्च तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. अधिसूचना के मुताबिक, जिन भविष्य निधि पर यह फैसला लागू है उनके नाम हैं- सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवाएं), अंशदायी भविष्य निधि (भारत), अखिल भारतीय सेवा भविष्य निधि, राज्य रेलवे भविष्य निधि, सामान्य भविष्य निधि (रक्षा) सेवाएँ)। ,
भारतीय आयुध विभाग भविष्य निधि, भारतीय आयुध कारखानों के श्रमिकों के भविष्य निधि, भारतीय नौसेना डॉकयार्ड श्रमिकों के भविष्य निधि, रक्षा सेवा अधिकारियों के भविष्य निधि और सशस्त्र बल व्यक्तिगत भविष्य निधि।
जीपीएफ क्या है...
जीपीएफ एक प्रकार का भविष्य निधि है, जो केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलता है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और पीपीएफ बराबर हैं। सरकारी कर्मचारी के वेतन का एक निश्चित हिस्सा जीपीएफ में जाता है, बशर्ते वह निलंबित न हो। जीपीएफ में कर्मचारी का योगदान सेवानिवृत्ति से 3 महीने पहले बंद हो जाता है।
पहले मुझे इतना इंटरेस्ट मिलता था
सरकार हर तिमाही में जीपीएफ ब्याज दरें अधिसूचित करती है। 2020-21 से GPF की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीपीएफ पर 8 फीसदी ब्याज दिया जा रहा था, जो कि और भी कम होता गया. 2007 के बाद से ज्यादातर समय GPF पर ब्याज 8 फीसदी रहा है. इस बीच 2012-13 में GPF पर सबसे ज्यादा ब्याज दर 8.80 फीसदी थी.