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अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर पर्सनल लोन की जगह ओवरड्राफ्ट एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा है, जो कम ब्याज दर और लचीली पुनर्भुगतान अवधि के साथ उपलब्ध होती है। आइए जानते हैं, ओवरड्राफ्ट क्या है और यह कैसे पर्सनल लोन से सस्ता और फायदेमंद है।
ओवरड्राफ्ट सुविधा क्या है?
ओवरड्राफ्ट एक विशेष प्रकार की क्रेडिट सुविधा है, जो करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट, और फिक्स्ड डिपॉजिट पर उपलब्ध होती है। इसमें ग्राहक अपने खाते में मौजूद राशि से अधिक पैसे निकाल सकते हैं। कुछ बैंक शेयर, बॉन्ड्स और इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर भी ओवरड्राफ्ट की सुविधा देते हैं।
ओवरड्राफ्ट के प्रकार:
- सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट: इसमें ग्राहक को संपत्ति जैसे एफडी, इंश्योरेंस, या शेयर को गिरवी रखना होता है।
- अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट: बिना किसी गिरवी के उपलब्ध होता है, लेकिन बैंक की स्वीकृति आवश्यक होती है।
ओवरड्राफ्ट के फायदे:
- कम ब्याज दर: पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड की तुलना में ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर कम होती है।
- लचीलापन: केवल इस्तेमाल की गई राशि और अवधि के लिए ब्याज देना होता है।
- त्वरित धन उपलब्धता: तुरंत पैसे की जरूरत होने पर यह सुविधाजनक है।
कैसे प्राप्त करें ओवरड्राफ्ट सुविधा?
ग्राहक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या बैंक शाखा में जाकर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। कुछ ग्राहकों को यह प्री-अप्रूव्ड भी मिलती है।
कितनी राशि मिल सकती है?
- बैंक द्वारा दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट सीमा आपकी सैलरी या जमा राशि पर निर्भर करती है।
- अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाले ग्राहकों को अधिक सीमा मिल सकती है।
पर्सनल लोन से बेहतर क्यों?
पर्सनल लोन में आपको पूरी राशि पर ब्याज देना पड़ता है, जबकि ओवरड्राफ्ट में केवल उपयोग की गई राशि और अवधि के लिए। इसके अलावा, यह फंड जरूरत पड़ने पर तुरंत उपलब्ध हो जाता