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फ्लाइट के नए नियम: भारत में पायलटों और फ्लाइट क्रू मेंबर्स के परफ्यूम के इस्तेमाल पर लग सकता है बैन. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यह प्रस्ताव रखा है.
अगर इसे मंजूरी मिल गई तो पायलटों और फ्लाइट क्रू मेंबर्स को उड़ान के दौरान परफ्यूम लगाने की इजाजत नहीं होगी। ऐसा करते पाए जाने वालों के खिलाफ डीजीसीए कार्रवाई कर सकता है। सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, परफ्यूम के अलावा उन दवाओं और माउथवॉश उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया गया है जिनमें अल्कोहल होता है। इन उत्पादों के कारण ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट प्रभावित हो सकता है.
मेडिकल टेस्ट के तरीके में होने जा रहा है बदलाव-
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने हाल ही में अपने मेडिकल टेस्ट के तरीके में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. इससे पायलटों और चालक दल के सदस्यों के लिए शराब की खपत की जांच करने की प्रक्रिया में बदलाव होने जा रहा है। डीजीसीए ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अब क्रू मेंबर्स या पायलट ऐसी किसी भी दवा, परफ्यूम या डेंटल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे जिनमें अल्कोहल हो.
इससे टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है और उसके बाद उस कर्मचारी पर कार्रवाई भी हो सकती है. इसके साथ ही इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी क्रू मेंबर ऐसी दवा लेता है तो उससे पहले उसे डॉक्टर से सलाह लेनी होगी.
परफ्यूम पर बैन के पीछे क्या है वजह?
परफ्यूम में थोड़ी मात्रा में अल्कोहल मौजूद होता है। ऐसे में प्रस्तावित रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि परफ्यूम में मौजूद थोड़ी सी अल्कोहल ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट को प्रभावित कर सकती है या नहीं. भारत में एयरलाइंस में पायलट और क्रू मेंबर्स के लिए शराब से जुड़े नियम बेहद सख्त हैं। ऐसे में एयरलाइंस और DGCA दोनों ही ये टेस्ट कैमरे की निगरानी में करते हैं.