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EPFO ने रिटायरमेंट को बनाया आसान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization) की EPF स्कीम एक प्रभावी रिटायरमेंट सेविंग्स योजना है। यदि आप इसे बीच में नहीं छेड़ते, तो रिटायरमेंट के समय बड़ा फंड बना सकते हैं। यह योजना नौकरी के दौरान अनुशासित निवेश पर आपको एकमुश्त 2 करोड़ रुपये तक दे सकती है।
EPFO कैसे करता है काम?
EPFO आपकी नौकरी के दौरान PF का प्रबंधन करता है। हर महीने आपकी सैलरी से एक हिस्सा कटता है, और उस पर ब्याज जुड़ता है। यह ब्याज समय के साथ बड़ा फंड बनाने में मदद करता है, जो आपके रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त हो सकता है।
- जरूरी फंड: अगर आप रिटायरमेंट के लिए योजना बना रहे हैं, तो लगभग 2-2.5 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह फंड EPF अकाउंट से संभव है, बशर्ते आप नियमित रूप से इसमें योगदान करते रहें।
EPFO में योगदान और ब्याज कैलकुलेशन
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योगदान की राशि:
- कर्मचारी की सैलरी का 12%
- नियोक्ता का 12%, जिसमें से 8.33% पेंशन फंड (EPS) में जाता है।
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ब्याज दर:
फिलहाल ब्याज दर 8.25% है। यह वार्षिक आधार पर लागू होती है।
उदाहरण:
- बेसिक सैलरी: ₹25,000
- ईपीएफ योगदान (कर्मचारी): ₹3,000
- ईपीएफ योगदान (कंपनी): ₹917.50
- ईपीएस योगदान (कंपनी): ₹2,082.50
हर महीने ₹3,817.50 EPF अकाउंट में जमा होगा।
EPF बैलेंस कैसे चेक करें?
- EPFO पोर्टल पर लॉग इन करें:
- अपने UAN नंबर और पासवर्ड का उपयोग करें।
- UMANG ऐप का उपयोग करें:
- UAN नंबर से लॉग इन कर बैलेंस देखें।
- Passbook विकल्प:
- वित्तीय वर्ष का चयन कर अंशदान और बैलेंस की जानकारी प्राप्त करें।
EPFO की यह सुविधा न केवल आपको भविष्य के लिए सुरक्षित बनाती है, बल्कि आपकी रिटायरमेंट टेंशन को भी दूर करती है।