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दिवाली नजदीक आते ही लाखों सरकारी कर्मचारियों को अपने खातों में बढ़े हुए बोनस की उम्मीद है। रेलवे कर्मचारियों के एक समूह ने हाल ही में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की, जिसमें आग्रह किया गया कि उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) की गणना पहले के छठे वेतन आयोग के बजाय सातवें वेतन आयोग के अनुसार की जानी चाहिए।
जी बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपने पत्र में सर्वजीत सिंह ने सरकार से इस मामले पर तेजी से कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि दिवाली के समय बोनस की पुनर्गणना की जाए ताकि रेलवे कर्मचारी आर्थिक आसानी और खुशी के साथ त्योहार मना सकें।
7वां वेतन आयोग: दिवाली बोनस की गणना
भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (आईआरईएफ) के महासचिव सर्वजीत सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में बोनस गणना में मौजूदा अनुचितता पर प्रकाश डाला गया है। वर्तमान में, पीएलबी की गणना 7,000 रुपये के मासिक वेतन के आधार पर की जाती है, जिसे छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया था।
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हालांकि, 1 जनवरी, 2016 से सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद रेलवे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़कर 18,000 रुपये हो गया है। इसके बावजूद, बोनस की गणना पुराने वेतनमान पर ही की जाती है, जिसे महासंघ ने अनुचित बताया है।
7वां वेतन आयोग: दिवाली बोनस की उम्मीद
फिलहाल रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलता है, लेकिन यह पुराने वेतन ढांचे पर आधारित है, जिसके परिणामस्वरूप 17,951 रुपये का भुगतान होता है। आईआरईएफ के अनुसार, यह कर्मचारियों की वास्तविक आय को पर्याप्त रूप से नहीं दर्शाता है, क्योंकि भारतीय रेलवे में न्यूनतम वेतन अब 18,000 रुपये है।
अगर यह मांग स्वीकार कर ली जाती है, तो यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए उचित रूप से पुरस्कृत किया जाए और उन्हें 7वें वेतन आयोग के तहत उनके मौजूदा वेतन ढांचे के अनुरूप अधिक पर्याप्त बोनस मिले।
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जी बिजनेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेडरेशन ने तर्क दिया है कि अगर 7वें वेतन आयोग के आधार पर बोनस की सही गणना की जाती है, तो रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के काम के लिए 46,159 रुपये का बोनस मिलना चाहिए। इससे प्रत्येक कर्मचारी को 28,208 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा, जिससे वर्तमान में भुगतान और भुगतान किए जाने वाले के बीच का अंतर कम हो जाएगा।
महासंघ को उम्मीद है कि सरकार इस अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी, जिससे कर्मचारियों को त्यौहारी सीजन से पहले काफी वित्तीय मदद मिल सकेगी।
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