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सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 200 रुपये के लगभग 137 करोड़ मूल्य के गंदे और खराब हो चुके नोटों को बाजार से वापस मंगाया है। हालांकि, RBI ने स्पष्ट किया है कि 200 रुपये के नोट बंद नहीं हो रहे हैं, बल्कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
नोट वापस लेने का कारण
RBI ने कहा है कि 200 रुपये के नोटों को वापस लेने का कारण उनकी खराब गुणवत्ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद 200 रुपये के नोटों का उपयोग बढ़ा, जिससे उनकी गुणवत्ता तेजी से खराब हुई। यही वजह है कि बड़ी संख्या में नोटों को हटाने का निर्णय लिया गया।
500 रुपये के नोट भी प्रभावित
RBI की रिपोर्ट के अनुसार, 500 रुपये के नोट भी खराब होने के कारण वापस लिए गए। पिछले वित्तीय वर्ष में 500 रुपये के करीब 633 करोड़ मूल्य के नोटों को हटाया गया। हालांकि, 200 रुपये के नोटों की संख्या में 110% की वृद्धि देखी गई है, जबकि 500 रुपये के नोटों की संख्या में 50% की कमी दर्ज हुई है।
क्या 200 रुपये के नोट बंद होंगे?
200 रुपये के नोट बंद होने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए RBI ने कहा है कि यह कदम केवल खराब नोटों को बदलने के लिए उठाया गया है। 200 रुपये के नोटों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। यह प्रक्रिया नोटों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए की जाती है।
अफवाहों से बचें
सरकार और RBI ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक घोषणाओं पर विश्वास करें।