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भारत में 500 और 2000 रुपये के नकली नोटों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। खासकर 2023-24 के दौरान, 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से हटाने की प्रक्रिया में बड़ी संख्या में नकली नोट पकड़े गए।
नकली नोटों का बढ़ता संकट:
वित्त मंत्रालय और आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार:
- 500 रुपये के नकली नोटों में वृद्धि:
2018-19 में 21,865 मिलियन पीस से बढ़कर 2022-23 में 91,110 मिलियन पीस हो गए।
- 2000 रुपये के नकली नोटों में वृद्धि:
2020-21 में इनकी संख्या तीन गुना बढ़कर 26,035 मिलियन पीस हो गई।
2000 रुपये के नोट की वापसी:
2000 रुपये के नोट 2016 में नोटबंदी के बाद तरलता की समस्या हल करने के लिए जारी किए गए थे। लेकिन अवैध गतिविधियों में इनके दुरुपयोग और नकली नोटों की समस्याओं को देखते हुए, 2023 में आरबीआई ने इन्हें प्रचलन से चरणबद्ध तरीके से बाहर करने की घोषणा की।
- 98.04% 2000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए।
- अभी भी 6,970 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट जनता के पास हैं, जिन्हें 31 अक्टूबर 2024 तक जमा किया जा सकता है।
नकली नोटों के खिलाफ कदम:
सरकार और आरबीआई ने नकली मुद्रा पर रोक लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। हालांकि, नकली नोटों की संख्या में लगातार वृद्धि चुनौती बनी हुई है।
निष्कर्ष:
500 और 2000 रुपये के नकली नोटों की समस्या भारत में गंभीर बनी हुई है। सरकार और आरबीआई के प्रयासों के बावजूद, नकली नोटों का व्यापार थम नहीं रहा है।