- SHARE
-
सोना सिर्फ गहनों की शान नहीं, बल्कि एक बेहतरीन निवेश भी माना जाता है। कई बार हम पुराने गहनों को बेचने या नए गहनों से एक्सचेंज करने का विचार करते हैं। ऐसे में “गोल्ड एक्सचेंज रेट” की जानकारी होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही तय करता है कि आपको अपने पुराने सोने के बदले कितनी सही कीमत मिल रही है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि यह रेट क्या होता है, कैसे तय होता है और इससे जुड़ी अहम बातें।
???? गोल्ड एक्सचेंज रेट क्या होता है?
गोल्ड एक्सचेंज रेट वह दर होती है जिस पर ज्वैलर आपके पुराने सोने की कीमत तय करता है। इस रेट का निर्धारण तीन प्रमुख बातों पर होता है:
-
सोने की शुद्धता (जैसे 22 कैरेट = 91.6%)
-
सोने का वजन
-
उस दिन का लाइव मार्केट रेट
यह रेट रोजाना बदलता है और इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर-रुपया विनिमय दर और स्थानीय मांग का प्रभाव होता है।
???? कैसे होती है कैलकुलेशन?
एक सामान्य फार्मूला होता है:
(24 कैरेट रेट प्रति ग्राम × शुद्धता प्रतिशत) × वजन
उदाहरण के लिए:
आपके पास 10 ग्राम का 22 कैरेट का हार है (91.6% प्योरिटी), और आज 24 कैरेट सोने का भाव ₹10,150 प्रति ग्राम है।
फॉर्मूला लागू करें:
(10,150 × 91.6%) × 10 = ₹93,014
यानी आपकी ज्वैलरी की थ्योरी में कीमत ₹93,014 होगी।
✂️ क्या-क्या कट सकता है?
ज्वैलर इस कीमत से कुछ शुल्क काटते हैं, जैसे:
-
मेल्टिंग चार्ज
-
प्योरिटी टेस्ट फीस
-
मेकिंग चार्ज
ये शुल्क आमतौर पर 5% से 10% के बीच होते हैं। मान लीजिए 8% कटौती हुई:
₹93,014 – ₹7,448 = ₹90,566
अब आप इस राशि में नया गहना बनवा सकते हैं या कैश में ले सकते हैं।
???? गोल्ड एक्सचेंज रेट जानना क्यों जरूरी है?
इस रेट को समझना आपके पैसे की सुरक्षा करता है और आपको सही निर्णय लेने में मदद करता है।
अगर आप अपने पुराने सोने को बेचने या एक्सचेंज करने की सोच रहे हैं, तो गोल्ड एक्सचेंज रेट को जरूर समझें। आज की तारीख में जागरूक ग्राहक ही ज्वैलरी बाजार में सही सौदे कर पाते हैं।
सोने की चमक तो सब देखते हैं—but आपकी जानकारी ही असली चमक है।