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यदि आपने अपने बैंक खाते से लगातार दो साल (730 दिन) तक कोई लेन-देन नहीं किया है, तो आपका खाता डीएक्टिवेट हो सकता है। डीएक्टिव अकाउंट से कोई भी लेन-देन संभव नहीं है, लेकिन जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा। इसे दोबारा सक्रिय करने के लिए आपको KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी, और इसके लिए बैंक कोई शुल्क नहीं लेता।
डीएक्टिवेशन के नियम और खाता सक्रिय करने की प्रक्रिया
- डीएक्टिवेशन का समय: अगर आप 2 साल से अधिक समय तक अपने बैंक खाते से कोई भी लेन-देन नहीं करते हैं, तो खाता निष्क्रिय हो जाता है।
- निष्क्रिय खाते पर प्रभाव: खाते की जमा राशि जस की तस बनी रहेगी और उस पर ब्याज भी मिलता रहेगा, लेकिन आप इससे किसी प्रकार का लेन-देन नहीं कर पाएंगे।
- सक्रिय करने का तरीका:
- बैंक शाखा में जाकर KYC प्रक्रिया पूरी करें।
- KYC फॉर्म जमा करें।
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड) और दो पासपोर्ट साइज फोटो प्रदान करें।
- यदि खाता ज्वाइंट है, तो दोनों खाताधारकों को अपने दस्तावेज जमा करने होंगे।
डीएक्टिवेशन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
RBI के नियमों के अनुसार, डीएक्टिवेट खाते को दोबारा सक्रिय करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अलावा, यदि खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो भी बैंक कोई पेनल्टी नहीं लगाता है।
बैंक खाता सक्रिय रखने के सुझाव
- खाते से समय-समय पर लेन-देन करते रहें।
- ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से खाता उपयोग में बनाए रखें।
- खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए छोटी रकम भी ट्रांसफर करें।