इस गांव में क्यों नहीं होती रात में शादी 

Samachar Jagat | Sunday, 04 Jun 2017 09:31:49 AM
Why is this village not married in the night?

इन्टरनेट डेस्क। आज के समय में जहां शादियों में लोग अपनी शान दिखाने के लिए लाखों रूपए खर्च कर देते थे। इसलिए वो कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों की वजह से शादियां काफी महंगी हो गई है। लेकिन गाजियाबाद जिले का एक गांव ऐसा है जो शादी में फिजूल खर्ची रोकने एक मिसाल है। 

इस गांव में करीब 20 वर्षो से परम्परा कायम हैं। गांव वाले रात के समय होने वाली शादियों में सजावट आदि को फिजूलखर्ची मानते हैं। इसलिए गांव के सभी लोगों ने मिलकर तय किया कि रात के समय लाइट, जेनरेटर आदि पर कोई पैसा खर्च नहीं करेंगे। यहां की शादियों में सुबह 10 बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते दुल्हन विदा हो जाती है।

इस गांव में लोग अब तक लाखों रूपए की बचत कर चुके हैं। गांव के निवासियों ने बताया कि 20 साल पहले तक अटौर में भी रात में शादियां होती थी, लेकिन गांव में बिजली नहीं होने के चलते जेनरेटर का खर्च काफी होता था। साथ ही इसके धुंए और तेज आवाज से भी लोगों को मुश्किल होती थी।

इस निर्णय का पहले तो विरोध हुआ लेकिन धीरे-धीरे सभी इस बात से सहमत हो गए। इसकी वजह से ना तो रात में बरातियों के रूकने का इंतजाम करना पड़ता है। साथ ही शराब पीकर हुडदंग करने वाले बरातियों से भी निजात मिलती है।
 



 

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