मिशीगन। अभी तक ग्लोबल वार्मिंग के तमाम दुष्प्रभाव दुनिया ने सुने थे, अब इससे जुड़ी एक नई बात सामने आई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर वैश्विक तापमान औसत से कई गुना अधिक हो जाएगा तो स्तनधारी जीवों का कद छोटा होने लगेगा। यह बदलाव इंसानों पर भी दिखेगा। यह दावा यूनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हैम्पशायर की नई रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुई है।
5.37 करोड़ साल पहले की पुनरावृत्ति
5.37 करोड़ साल पहले पृथ्वी का औसत तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था। यह समय 1.80 लाख साल पहले तक रहा। इस दौरान जानवरों का कद औसत कद से 14 फीसद तक घट गया था। जीवाश्म का अध्ययन शोधकर्ताओं ने अमेरिका के व्योभमग स्थित बिगहॉर्न बेसिन में मिले जानवरों के चार समूहों के जीवाश्म का अध्ययन किया है। इनमें घोड़े, गाय भेड़, गैंडे और वानरों से जुड़ी प्रजातियों के पूर्वज शामिल रहे। दांतों से मिले सुबूत-अध्ययन में उनके द्वारा खाए गए पौधों और पिए पानी के बारे में जानकारी मिली। इन्हीं से ही उनके कद के बारे में पता चला। घोड़ों के पूर्वजों के कद में 14 फीसद की कमी दर्ज की गई। उनका वजन आठ किग्रा तक कम हो गया था।
इंसानों पर भी असर शोध में अहम भूमिका निभाने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन के शोधकर्ता फिलिप जिनजेरिक के मुताबिक अगर 5.37 करोड़ साल पहले की घटना फिर होती है तो इंसानों का कद भी घट जाएगा। लेकिन इंसान हमेशा की तरह खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर ही रहेगा।
कद घटने की वजह-ग्लोबल वार्मिंग ने वनस्पतियों और खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल असर डाला। लिहाजा भोजन कम मिलने लगा। कम भोजन में ही ये जानवर गुजारा करने लगे। धीरे-धीरे ये खुद को उस परिस्थिति के अनुसार ढालते गए। और कम खुराक के चलते पीढ़ी दर पीढ़ी उनका वजन और कद कम होता गया।