बैतूल। करीब सालभर पहले सोशल मीडिया पर नकली और कृत्रिम अंडा भारतीय बाजार में बिकने की खबरें चर्चा में आई थी। अब एक बार फिर से इसी तरह की खबर है। अब मध्य प्रदेश के बैतूल में नकली अंडा बेचे जाने का मामला सामने आया है।
यहां के एक शख्स रमेश सिन्हा ने स्थानीय थाने में नकली अंडा बेचे जाने की शिकायत दर्ज करवाई है। रमेश सिन्हा की निशानदेही पर पुलिस ने दुकानदार से थाने में बुलाकर पूछताछ की है साथ ही अंडे के सैंपल को जांच के लिए खाद्य विभाग को भेज दिया गया है। लैब रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी कि ये असली अंडा है या फिर नकली। सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा इसकी खूब चर्चा हो रही है। लोग सरकार को इस तरह के कृत्य पर कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
खबरों के अनुसार, रमेश सिन्हा ने कोसमी औद्योगिक क्षेत्र में फुटपाथ पर लगी एक दुकान से अंडे खरीदे थे। जब घर लाकर उन्होंने अंडे को उबालना शुरू किया तो वह पानी के ऊपर तैरने लगा। रमेश ने जब अंडे को माइक्रोवेव में पांच मिनट तक पकाया तो वे हैरान रह गए। अंडे की जर्दी के ऊपर प्लास्टिक की पन्नी लिपटी हुई दिखाई दी। इसे खींचकर देखा तो पता चला कि यह तो प्लास्टिक की ही पन्नी है और जर्दी रबर में तब्दील हो चुकी थी।पिछले साल ऐसी घटना की जांच में पाया गया था कि ये नकली अंडे चीन से भेजे जाते हैं।
इन अंडों का अंदरूनी पीला भाग और उसका बाहरी स$फेद हिस्सा सोडियम एल्गिनाइट, एल्यूम, जिलेटिन, खाने योग्य कैल्शियम से तैयार किया जाता है। इसमें पानी और खाने के योग्य रंगों को मिलाकर हूबहू असली अंडे की शक्ल दे दी जाती है।
गुनगुने पानी में पर्याप्त मात्रा में सोडियम एल्गिनाइट लेते हैं और इसे अच्छी तरह से मिलाकर अंडे के स$फेद आकार की तरह तैयार करते हैं और फिर इसे जिलेटिन और बेंजोइक एसिड, एल्यूम व अन्य दूसरे रसायनों के साथ मिलाकर अंडे का स$फेद हिस्सा तैयार किया जाता है। इसके बाद ये नकली हानिकारक अंडा बाजार में बिक्री के लिए उतार दिया जाता है।