लंदन। दुनिया के इतिहास में आपने ऐसा कोई उदाहरण नहीं देखा होगा कि जहां किसी ने मरने के बाद दोबारा जिंदा होने की अनुमति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हो। अपने आप में अनूठा मामला ब्रिटेन में सामने आया है। जहां 14 साल की एक लडक़ी एक दुर्लभ और लाइलाज कैंसर से पीडि़त थी। उसके कैंसर का इलाज उपलब्ध नहीं होने के कारण उसका मरना तय था। इसके बावजूद उसकी आखिरी इच्छा बेहद अनोखी थी। वह मरने के बाद फिर से जीना चाहती थी। कानून से इसकी इजाजत लेने के लिए उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया और उसकी अपील पर कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी।
मरने ने पहले लडक़ी ने साफ-साफ बताया था कि मौत के बाद उसके शरीर के साथ क्या किया जाए। वह नहीं चाहती थी कि उसके शरीर को दफनाया जाए, बल्कि उसकी ख्वाहिश अपने शव को बर्फ की तरह जमा देने की थी। उसे उम्मीद थी कि शायद एक दिन जब उसके कैंसर का इलाज हो जाएगा, तब वह एक सामान्य जीवन जी सकेगी। इस लडक़ी ने हाल ही में दम तोड़ दिया। मरने से पहले ब्रिटेन के एक जज को लिखी गई अपनी चि_ी में उसने कहा, मैं जीना चाहती हूं और लंबे समय तक जीना चाहती हूं।
मुझे उम्मीद है कि शायद भविष्य में एक दिन डॉक्टर्स को मेरे कैंसर का इलाज मिल जाएगा। उस दिन वे मुझे जगा सकते हैं, ताकि मैं फिर से जिंदा हो सकूं। वह चाहती थी कि उसका शरीर क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक के इस्तेमाल से सुरक्षित रखा जाए। लडक़ी ने जज को लिखा, क्रायोप्रिजर्व होने से मुझे इलाज का मौका मिल सकता है और सैकड़ों साल बाद भी मैं फिर से जिंदा हो सकती हूं। उसकी अपील से हाई कोर्ट के जज पीटर जैकसन राजी हो गए और उन्होंने उसकी इच्छा पर कानूनी मुहर भी लगा दी।
ब्रिटेन क्या, शायद पूरी दुनिया में यह अपनी तरह का पहला मामला है। क्रायोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें लाइलाज बीमारियों से मरने वाले लोगों के शव को डीप-फ्रीज कर दिया जाता है। इसमें उम्मीद होती है कि शायद भविष्य में जब उनकी बीमारी का इलाज खोज लिया जाएगा, तो वे फिर से जिंदा हो सकेंगे।