पुरे 68 साल बाद दिखा सबसे बड़ा और शकील चांद, जो पृथ्वी से करीब 50,000 किलोमीटर तक करीब था। नासा का कहना था की, सोमवार को जो चाँद निकला, वो पूर्ण चन्द्रमा था (सुपरमून) जो पुरे ६८ साल बाद पृथ्वी से इतने करीब (50000 KM ) करीब था। नासा ने कहा की अब फिर से इस तरह की घटना देखने के लिए पृथ्वी वालो को करीब साल 2034 तक इंतज़ार करना होगा।
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पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा अंडाकार है, जो दो वस्तुओं के बीच समयानुसार दूरी बनाता है। जब पूर्ण चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है , तो यह सामान्य से अधिक बड़ा और चमकदार दिखाई देता है और इसीलिए इसे सुपरमून की संज्ञा दी गयी। नासा के अनुसार, यह सुपरमून सामान्य पूर्ण चंद्रमा से 14 से 30 प्रतिशत अधिक चमकदार हो सकता है।
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जाने कुछ खास बाते-
1948 के बाद यानी क़रीब 68 साल बाद सुपर मून, जब चांद पृथ्वी के सबसे क़रीब होता है तब चांद से पृथ्वी की दूरी क़रीब 3,56,508 किलोमीटर होती है। आम दिनों में चांद की दूरी पृथ्वी से 3,84,402 किलोमीटर होता है। जब चांद पृथ्वी से सबसे दूर होता है तब ये दूरी चार लाख छह हज़ार किलोमीटर के क़रीब होती है।
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