नागौर। गौरतलब है कि सरकार ने शादियों के सीजन में नोट की समस्या को ध्यान में रखते हुए शादी का कार्ड दिखाने पर ढाई लाख रुपए तक राशि निकालने की सुविधा दी थी। इसके बावजूद बैंक अधिकारी लोगों को परेशान कर रहे हैं। एक ऐसा ही प्रकरण सामने आने पर कलक्टर ने बीच बैठक में दूल्हे की समस्या सुनकर अधिकारियों को निर्देशित भी किया। एक दूल्हे को सात $फेरों से पहले ही एक ओर अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा।
अधिकारी कर रहे गुमराह : जानकारी के अनुसार अठियासन गांव निवासी पवन की एक दिन बाद शादी है। वह सोमवार को नागौर आया लेकिन गांधी चौक स्थित एसबीबीजे बैंक में चैक से रुपए नहीं मिलने पर वापस गांव लौट गया। इसके बाद वह पुराने नोट बदलवाने के आवेदन पर सरपंच के हस्ताक्षर लेकर पिता के साथ इलाहाबाद बैंक में पहुंचा। जहंा बैंक अधिकारियों ने एक साथ 30 हजार रुपए बदलकर नए नोट देने से मना कर दिया। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि कलक्टर के हस्ताक्षर होने पर ही रुपए देंगे। कलक्टर के साइन मांगने पर वह कलक्टे्रट पहुंचा।
बैठक के बीच में सुनी समस्या : कलक्टर राजन विशाल के बैठक में होने के चलते वह एडीएम के पास गया। एडीएम ने लीड बैंक अधिकारी को फोन कर समस्या को लेकर जानकारी मांगी। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने पर पवन ने मीडिया के सहयोग से कलक्टर के मोबाइल पर संदेश भिजवाया। मैसेज मिलने पर कलक्टर ने पवन व उसके पिता को बैठक में ही बुलाया और उसकी बात सुनी व उसको लीड बैंक अधिकारी के पास भेजा। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि उसकी समस्या का तत्काल समाधान करवाएं।
प्रमाणीकरण की जरूरत नहीं : विवाह वाले परिवारों को बैंक से मिलने वाले ढाई लाख राशि के लिए कलक्टर या अन्य जिला अधिकारियों से प्रमाणित करवाने की जरूरत नहीं है। पुराने नोट के स्थान पर ढाई लाख रुपए की राशि लेने वाले परिवारों को बैंक प्रबंधन सीधे ही भुगतान कर सकेंगे।
राशि के लेन-देन के सम्बन्ध में ऐसे निर्देश नहीं है कि प्रमाणीकरण के लिए कलक्टर के पास भेजा जाए बैंक प्रबंधन इस सम्बन्ध में अपने स्व विवेक के आधार पर ही व्यवस्था को सुचारू रखें।