न्यूयॉर्क। कब किसकी किस्मत पलट जाये कहा नही जा सकता। कहावत भी है देने वाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। न्यूयॉर्क में रहने वाले इन तीन छात्रों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, उन्हें एक सेकेंड हैंड सोफे ने लखपति बना दिया।
न्यूयॉर्क के पाल्टज स्थित स्टेट यूनिवसिर्टी में पढने वाले तीन छात्रों रीसे वेरखोवै, कॉली गास्टी और लारा रुस्सो ने न्यूयॉर्क में एक फ्लैट किराए पर लिया। इन्होनें फ्लैट के लिए कुछ पुराना फर्नीचर खरीदा, जिसमें 13 सौ रुपए का एक पुराना सोफा भी था।
एक दिन तीनों छात्र सो$फे पर बैठकर बात कर रहे थे तभी उन्हें सो$फे की गद्दी के नीचे कुछ महसूस हुआ। जब उन्होनें सो$फे की गद्दी को उठाकर देखा तो उन्हें वहां एक लिफाफा मिला। लिफाफा खोलकर देखा तो उनकी आंखें फटी रह गई। लिफा$फे में 46 हजार रुपए रखे थे। इसके बाद उन्होंने सो$फे के और गद्दे हटाए तो उन्हें इस तरह के कई लिफा$फे मिले।
तीनों छात्रों को उस पुराने सो$फे में से कुल 26 लाख 25 हजार रुपए मिले।
लेकिन इतने रुपए मिलने पर भी उनकी नियत नहीं बिगड़ी और उन्होंने इस सो$फे के मालिक को ढूंढकर यह रकम उनको देने का फैसला किया। लेकिन समस्या यह थी कि सोफे के मालिक को ढूंढा कैसे जाए क्योंंकि लिफाफों पर भी किसी का नाम पता नहीं था।
इस पर तीनों छात्र उसके पास गए जिससे उन्होनें यह पुराना सोफा खरीदा था। उसने छात्रों को बताया कि यह सोफा एक बुजुर्ग महिला का था। उस महिला के बेटे बहु ने नए पलंग के लिए उस सो$फे को एक्सचेंज किया था। खोजबीन करने पर पता चला कि जिस महिला का ये सोफा था उसके पति की 30 साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
महिला का पति उसे हर हफ्ते कुछ पैसे देता था, जिन्हें वह लिफा$फे में बंद कर उस सोफे में छिपा देती थी। पति की मौत के बाद महिला एक फूलों की दुकान में काम करती थी और अपनी बचत को भी इसी सोफे में छिपाकर रखती थी क्योंकि उसे बैंक पर विश्वास नही था। अपने पैसे वापिस पाकर उस महिला कि खुशी का कोई ठिकाना नही रहा और उसने उन छात्रों को इनाम स्वरूप कुछ राशि भी दी।