भारत के प्रमुख दुर्गां में से एक है राजस्थान के राजसंबंध जिले में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग। यह दुर्ग मेवाड़ के महाराणा कुम्भा की सूझबूझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है। इस दुर्ग का निर्माण वास्तु को ध्यान में रखकर किया गया है, इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने हुए हैं।
चीन के इस शहर में रहता है हर वक्त मौज-मस्ती का माहौल
फरवरी माह में बांग्लादेश से सबसे ज्यादा पर्यटक आए भारत
इस किले के चारों ओर एक बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। इस किले को 'अजेयगढ़’ कहा जाता है क्योंकि इस किले पर कोई विजय प्राप्त नहीं कर सका। इस दुर्ग के अंदर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह गढ़ सात विशाल द्वारों व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है। जब भी पर्यटक राजसंबंद घूमने के लिए आते हैं तो इस दुर्ग पर जाना नहीं भूलते हैं।
Source-Google
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
चांदी से जुड़े ये उपाय चमका देंगे आपकी किस्मत
कहीं आपके अवगुण तो नहीं बन रहे आपकी असफलता का कारण
ईशान कोण के लिए कुछ खास वास्तु टिप्स