शनिदेव की कृपा किसी जातक पर हो जाए तो उसे विजय, धन, काम सुख और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। भारत में शनिदेव के बहुत से पीठ स्थापित हैं किंतु पूर्वकालीन केवल तीन ही चमत्कारिक पीठ हैं जिनकी अत्यधिक मान्यता है। मान्यता के अनुसार इन स्थानों पर जाकर शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। इन तीन शक्तिपीठों पर जाकर शनिदेव की पूजा करने से आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा।
बेहतरीन डिजाइनिंग के लिए प्रसिद्ध हैं ये इमारतें
प्रसिद्ध तीन शनिशक्तिपीठ :-
शनि शिंगणापुर :-
शिंगणापुर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां घरों में किवाड़ नहीं होते और शनिदेव स्वयं अपने भक्तों के घरों की रक्षा करते हैं। यहां स्त्रियों का शनि विग्रह की सेवा करना और तेलाभिषेक करना वर्जित था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अगर यहां आकर शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं।
शनिश्चरा मंदिर :-
यहां स्थापित शनि पिण्ड हनुमान जी ने लंका से फेंका था जो यहां आकर स्थापित हो गया। यहां पर अद्भुत परंपरा के चलते शनि देव को तेल अर्पित करने के बाद उनसे गले मिलने की प्रथा है। यहां आने वाले भक्त बड़े प्रेम और उत्साह से शनि देव से गले मिलते हैं और अपने सभी दुख-दर्द उनसे साझा करते हैं। दशर्नों के उपरांत अपने घर को जाने से पूर्व भक्त अपने पहने हुए कपड़े, चप्पल, जूते आदि को मंदिर में ही छोड़ कर जाते हैं। भक्तों का मानना है कि ऐसा करने से पाप और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।
हर साल मोगली उत्सव देखने के लिए यहां आते हैं पर्यटक
सिद्ध शनिदेव :-
इस स्थान पर जाकर ही लोग शनि के दंड से बच सकते हैं, किसी अन्य स्थान पर नहीं। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां शनिदेव के रूप में भगवान कृष्ण विद्यमान रहते हैं। जो इस वन की परिक्रमा करके शनिदेव की पूजा करता है उसे भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही उस पर से शनिदेव का प्रकोप भी हट जाएगा।
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