श्रेष्ठ हॉलीडे अवार्ड से सम्मानित हुआ मध्यप्रदेश स्थित 'रनेह वाटरफॉल'

Samachar Jagat | Wednesday, 17 May 2017 11:30:51 AM
'Ranneh Waterfall' honored with Best Holiday Award

भोपाल। मध्यप्रदेश में खजुराहो के नजदीक स्थित रनेह वॉटर फाल को देश के पसंदीदा वॉटर फॉल के श्रेष्ठ हॉलीडे अवार्ड-2017 से नवाजा गया है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में एक समारोह में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को यह अवार्ड देश के जाने-माने ट्रेवल एवं इंफॉर्मेशन पोर्टल हॉलीडे आईक्यू द्वारा दिया गया।

नई दिल्ली के एक होटल में संपन्न अवार्ड समारोह में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र भसह, महिन्द्रा हॉलीडे होम्स एवं रिसॉर्ट इंडिया के संस्थापक एवं चेयरमेन अरुण नंदा, फेसबुक इंडिया एवं साउथ एशिया के एमडी उमंग बेदी एवं मेक माई ट्रिप के चेयरमेन दीप कालरा सहित पर्यटन, हॉस्पिटेलिटी, ट्रेवल से जुड़े अनेक प्रतिनिधि मौजूद थे।

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एक नजर डाले इसकी खूबसूरती पर 

विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज खजुराहो से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर रनेह-फॉल स्थित है। खजुराहो के मंदिर जहाँ मानव निर्मित शिल्प के अदभुत उदाहरण हैं, वहीं विशाल रनेह-फॉल की बहुरंगी शुद्ध क्रिस्टल ग्रेनाइट, लाइम-स्टोन, काग्लोमरेट, बेसाल्ट तथा डोलोमाइट की परतदार चट्टानों का अप्रतिम सौन्दर्य पर्यटक को अवाक कर देता है।

यही कारण है कि इसकी अदभुत छटा को निहारते विदेशी पर्यटक अक्सर रनेह-फॉल की तुलना उत्तरी अमेरिका के सुप्रसिद्ध केन्यन से करते मिल जायेंगे। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक इस अदभुत प्राकृतिक सौन्दर्य का लुत्फ उठाने प्रतिवर्ष यहाँ आते हैं। बरसात के समय रनेह जल-प्रपात की सुन्दरता देखते ही बनती है। वर्षाकाल के दौरान यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ जाती है। यहाँ से कुछ ही दूरी पर पन्ना टाइगर रिजर्व स्थित है।

पन्ना टाइगर रिजर्व के मुहाने पर स्थित रनेह-फॉल देश के ग्रेन्ड केन्यन के रूप में भी जाना जाता है। केन नदी का यमुना से मिलन खूबसूरत रनेह-फॉल बनाता है। केन नदी के जल-प्रपातों ने 5 किलोमीटर लम्बी और 98 फीट गहरी बुन्देलखण्ड ग्रेनाइट तथा भवध्ययन परतदार चट्टानों से केन्यन का निर्माण किया है।

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गुलाबी, लाल, ग्रे, हरे रंग की विशाल चट्टानों पर पड़ती डूबते सूर्य की किरणें और इनके बीच में हरित नील आभा लिये पानी पर्यटक को किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँचा देती है। यहीं केन घडिय़ाल अभयारण्य भी है। केन नदी के किनारों पर मगर और घडिय़ालों को धूप सेंकते देखा जा सकता है। कुलाँचे भरते हिरण, नील गाय, सांभर, चीतल और रंग-बिरंगी चिडिय़ा पर्यटक का मन मोह लेती है।

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