भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं, ऐसे में अगर आपको ये पता चले की यहां एक ऐसी जगह भी है जहां पर धर्म और पैसे जैसी कोई चीज नहीं चलती है। तो आपको आश्चर्य होगा लेकिन ये सच है दक्षिण भारत में स्थित चेन्नई से केवल 150 किलोमीटर की दूरी पर ऑरोविल है।
इन गुफाओं में छिपी हुई हैं अद्भुत कलाकृतियां
इस शहर की स्थापना साल 1968 में मिरा अलफासा ने की थी और इसे सिटी ऑफ डॉन यानी कि भोर का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को बसाने का सिर्फ एक ही मकसद रहा कि यहां सभी इंसान जात-पात, ऊंच-नीच और भेद-भाव के बिना रहे। यहां पर कोई भी इंसान आकर रह सकता है, लेकिन सिर्फ एक शर्त है उसको यहां पर एक सेवक की तरह रहना होगा।
इन रेलवे स्टेशनों पर मंडराता है भूतों का साया
इस शहर में 50 देशों के लोग रह रहे हैं। इस शहर की आबादी लगभग 24 हजार लोगों की है। यहां पर एक मंदिर भी है हालांकि ये मंदिर किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है और यहां पर लोग सिर्फ योग करते हैं। यूनेस्को ने ऑरोविले की एक अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में प्रशंसा की है और यह भारतीय सरकार की ओर से समर्थित भी है।
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
आलमंड बिरयानी
ब्रेकफास्ट रेसिपी : भरवां सेब
वेजिटेबल नूडल सूप