नई दिल्ली। सरकार ने 10 अप्रैल को लोकसभा में कहा कि उसके प्रयासों से पर्यटन ने नई ऊंचाइयां छू ली हैं और पिछले तीन वर्षों में देश विश्व पर्यटन तालिका में 25 अंक ऊपर पहुंच गया है। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि पर्यटन के मामले में भारत की छवि में काफी सुधार हुआ है और विश्व आर्थिक फोरम की रिपोर्ट में पर्यटन एवं यात्रा की अंक तालिका में देश 25 अंक ऊपर पहुंचा गया है ।
शर्मा ने कहा कि पर्यटकों के आगमन के मामले में जापान के पांच और चीन के दो अंक के मुकाबले भारत को 12 अंकों का फायदा हुआ है जबकि अमेरिका शून्य से दो अंक नीचे और स्विट्जरलैंड शून्य से चार अंक नीचे रहा। उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा के मामले में भारत 15 स्थान ऊपर आ गया है । इसके अलावा पर्यटन से राजस्व में भी बढोत्तरी हुई है। यह एक लाख 35 हजार करोड रूपए से बढ़कर एक लाख 50 हजार करोड रूपए हो गया है । माकपा के जितेंद्र चौधरी ने पूरक प्रश्न में पूछा था कि सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए तमाम दिशानिर्देश जारी किए लेकिन क्या उसने देश में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के बर्ताव में सकारात्मक बदलाव के लिए भी इस तरह के निर्देश जारी किए हैं।
बजट कम है तो गर्मी की छुट्टियों में जाएं इन पांच जगहों पर
उन्होंने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों का पहचान पत्र मांगे जाने का मामला भी उठाया । शर्मा ने बताया कि सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ कई करार किए हैं तथा विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए 13 विदेशी भाषाओं में हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है । हाडा राजपूत राजस्थान के इस शहर के इतिहास के अभिन्न भाग रहे हैं। बूंदी का मुख्य आधार हड़ौती क्षेत्र है जिसका नाम हाडा राजपूतों के नाम पर रखा गया था। हाडा राजपूत दरअसल चौहान वंश की शाखा हैं। उन्होंने शहर पर 12वीं सदी से लेकर लंबे समय तक राज किया। 1193 में मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को उनके बीच हुई भीषण लड़ाई में हराया।
रंग-बिरंगी इमारतों ने बनाया है इस शहर को खास
पृथ्वीराज चौहान के कुछ लोग पास के इलाके में चंबल घाटी में भाग गए। घाटी के इलाके में कुछ स्थानीय जनजातियां और गुट रहते थे और उन लोगों ने इन पर प्रभुत्व जमाया और हड़ौती के इलाके को अपने अधिकार में ले लिया। बाद में चंबल नदी के दो किनारों पर दो राज्यों का गठन हुआ, कोटा और बूंदी। समय के साथ कोटा के आगे बूंदी का महत्व कम होता गया। ब्रिटिश राज के तहत बूंदी स्वतंत्र रुप में अस्तित्व में रहा। 1947 के बाद यह शहर राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया। -एजेंसी
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
माथे की लकीरों से जानें अपनी लंबी उम्र के बारे में ....
भगवान श्री कृष्ण के दिए श्राप के कारण आज भी पृथ्वी पर भटक रहे हैं अश्वत्थामा
इस शंख की पूजा करने से चमक उठेगी आपकी किस्मत