हिमाचल के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने में यहां की प्राकृतिक व कृत्रिम झीलों का सर्वाधिक योगदान है। इन झीलों के सौंदर्य से बंधे पर्यटक यहां बार-बार आने को मजबूर हो जाते हैं। यहां के आस-पास के इलाके में कई झीलें हैं जो बेहद ही खूबसूरत और साफ सुथरी हैं। यहां के चंबा जिले में तीसा से करीब 24 किलोमीटर दूर 3470 मीटर की ऊंचाई पर घड़ास झील है।
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चंबा से 45 किलोमीटर दूर, धौलाधर की भीतरी ढलानों में 7 झीलों का समूह लामा झील है जो कि 3962 मीटर की ऊंचाई पर है। मण्डी शहर से 40 किलोमीटर दूर कुमावाह कामरूनाग झील है तथा 30 किलोमीटर दूर प्राशर झील है। इसमें तैरता हुआ एक द्वीप है। इस झील के किनारे पगौड़े के आकार का पराशर ऋषि का मंदिर है। समुद्रतल से 1755 मीटर की ऊंचाई पर रिवालसर शहर के ऊपर कालासर झील स्थित है।
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दोनों ओर से सुन्दर वनों और पर्वतों से घिरी इस झील पर सर्दियों में हिमपात होता है। सर्दियों में हिमपात के कारण ये झील बहुत ही खूबसूरत दिखती हैं। सुखसर झील के जल संभरण क्षेत्र में घनी झाडियां हैं। वैसे तो हिमाचल प्रदेश में कई बड़े हिंदू धर्म के प्रमुख मंदिर हैं जिन्हें देखने और भगवान के दर्शनों के लिए पर्यटक यहां आते हैं, जब वे यहां आते हैं तो इन झीलों की सुंदरता में डूब जाते हैं।
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