नई दिल्ली। टाटा संस ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि वह जापानी दूरसंचार कंपनी एनटीटी डोकोमो के पक्ष में 1.17 अरब डॉलर (करीब 8000 करोड़ रुपए) का भुगतान करने को तैयार है। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की अनुमति के बिना यह संभव नहीं है।
वहीं, अदालत ने इस मामले में आरबीआइ को पक्षकार बनाने के मुद्दे पर टाटा व डोकोमो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई की तारीख 21 दिसंबर तय की है। न्यायमूर्ति एस.मुरलीधर के समक्ष पेश आरबीआइ के अधिवक्ता का कहा है कि विदेशों में धन के हस्तांतरण की अनुमति संबंधी दोनों कंपनियों के बीच शेयरधारिता समझौता अवैध है।
यह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ($फेमा) के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस आधार पर धन को स्थानांतरित करने की अनुमति का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा यह प्रतिबंधित है और केंद्रीय बैंक को हस्तक्षेप करना चाहिए। हालांकि टाटा संस के अधिवक्ता ने कहा कि डोकोमो के साथ उनका समझौता भारतीय कानूनों के साथ पूरी तरह से अनुरूप है।