सिर्फ 2000 में मिलेगा स्मार्टफोन

Samachar Jagat | Tuesday, 10 Jan 2017 02:30:08 PM
Only in 2000 will the smartphone

नई दिल्ली।  डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने एक और अहम् फैसले के तहत स्मार्टफोन कपनियों के साथ मिलाकर सस्ते स्मार्टफोन लाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार ने लोकल हैंडसेट वेंडर्स को फाइनैंशल ट्रांजेक्शंस की सुविधा देने वाले 2,000 रुपए से कम कॉस्ट के स्मार्टफोन लॉन्च करने के लिए कहा है। सरकार का मानना है कि कैशलस इकॉनमी की उसकी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती, जब तक ग्रामीण इलाकों तक सस्ते हैंडसेट उपलब्ध न करा दिए जाएं। 

गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में एक मीटिंग बुलाई थी जिसमें स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लावा और कार्बन ने भाग लिया था। सरकार ने इस मीटिंग में डोमेस्टिक हैंडसेट मेकर्स को ऐसे फोन बनाने के लिए कहा था जिनकी कीमत 2000 रुपए से कम हो। 

सरकार का कहना है कि जब तक लोगों के पास ऐसे हैंडसेट नहीं होंगे जिनसे डिजिटल ट्रांजेक्शन किए जा सकें उनकी कैशलेस इकॉनमी की योजना में मुश्किलें आती रहेंगी। सरकार का कहना है कि मार्केट में ऐसे समार्टफोन की कमी है जो कि लो बजट हैं और जिन्हें खरीदने और समझने में ग्रामीण भारत के लोग सक्षम नहीं हैं। 

क्या है दिक्कत
उधर मार्केट के जानकारों का कहना है कि सरकार हैंडसेट कंपनियों को सस्ते 2-2.5 करोड़ हैंडसेट पेश करने के लिए जोर तो डाल रही है, लेकिन इसके लिए सब्सिडी नहीं देना चाहती। सरकार ने हैंडसेट कंपनियों को डिजिटल ट्रांजैक्शंस की सुविधा देने वाले फोन की कॉस्ट कम करने के लिए समाधान लाने को कहा है।  फिलहाल सरकार का लक्ष्य किसी भी स्थान से फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस की सुविधा देना है। 

इसके लिए भविष्य में डिवाइसेज में आधार-बेस्ड फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस की स्कैभनग की क्षमता भी होनी चाहिए। बता दें कि इस प्रॉजेक्ट के लिए कई बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा। फिंगर प्रिंट स्कैनर, हाई-क्वॉलिटी प्रसेसर्स जैसे फीचर्स के साथ फोन की कॉस्ट कम रखने सबसे बड़ी चुनौती है। बता दें कि ऐपल और सैमसंग जैसी कई बड़ी कंपनियों ने इस मीभटग में हिस्सा लेने से ही इनकार कर दिया था। 

अभी क्या है स्थिति
गौरतलब है कि  फिलहाल भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में सबसे सस्ते 3जी स्मार्टफोन्स कीमत 2,500 रुपए आस-पास है जबकि अगर आप 4जी फोन खरीदना चाहते हैं तो आपको कम से कम इसका दोगुना पैसा खर्च करना होगा. भारत के ग्रामीण इलाके इस योजना में सबसे बड़े बाधक बने हुए हैं। 

इन इलाकों में अभी भी बड़ी मात्रा में फीचर फोन का इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि देश में लगभग एक अरब मोबाइल फोन यूजर्स हैं और इनमें से सिर्फ 30 करोड़ के पास ही स्मार्टफोन हैं। 



 

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