नई दिल्ली। मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए एक खुबखबरी है, केंद्र सरकार द्दारा लिए गए निर्णय के अनुसार अब मोबाइल पर यूजर्स को क्षेत्रिय भाषा का विकल्प भी मिलेगा। जो कि आपको अपनी ही क्षेत्रिय भाषा में मोबाइल को ऑपरेट करनें की सुविधा देगा।
इसे थोड़ा विस्तार से समझाते है जैसे कि यदि यूजर्स को अंग्रेजी भाषा नहीं समझ आती है तो उसे हिंदी विकल्प के साथ साथ ही तीसरा विकल्प क्षेत्रीय भाषा का भी विकल्प दिया जाएगा। यह आदेश 1 जुलाई 2017 से लागु होगा कर दिया जाएगा। जिसके अनुसार हर मोबाइल फोन में क्षेत्रीय भाषाओं के लिए सपोर्ट होना जरूरी होगा। अर्थात यूजर्स अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी मोबाइल चला सकते है।
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केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया विज़न के तहत आए नए नियम के मुताबिक, देश में 1 जुलाई 2017 के बाद आने वाले सभी मोबाइल में मैसेज पढने के लिए भारतीय भाषाओँ का सपोर्ट देना अनिवार्य कर दिया जाएगा| नियमानुसार, अब मोबाइल फोन कंपनियों को अपने डिवाइस में मैसेज टाइप करने के लिए अंग्रेजी, हिंदी और यूज़र की पसंद की एक क्षेत्रीय भाषा के लिए सपोर्ट देना होगा। यह विकल्प मोबाइल कंपनियों के लिए ग्राहकों की संख्या में इजाफा करेगा।
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केन्द्र सरकार और मोबाइल इंडस्ट्री दोनों की राय इस मुद्दे पर एक ही थी। माना जा रहा है अगर एक बार अंग्रेजी ना बोलने वाले लोगों की पहुंच मोबाइल तक हो जाती है तो भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट आने से ई-गवर्नेंस ट्रांजेक्शन, ई-कॉमर्स बिज़नेस और खास तौर पर सरकार की य़ोजनाये की पहुंच आम लोगों तक आसान हो जायेगी।
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