कम संपर्क और डेटा उपलब्धता वाले क्षेत्रों में लोगों से जुड़ने के लिए,IBM ने एक मौसम कंपनी के साथ टीमअप किया है,जो कि IBM बिज़नेस के स्वामित्व वाली है,सोमवार को IBM ने देश का पहला मोबाइल अल्र्टिंग प्लेटफार्म लांच किया है जो आपको बिना इन्टरनेट के मौसम की जानकारी उपलब्ध करवाएगा।
यह टेक्नोलॉजी "mesh network" पर पीर-टू-पीर कनेक्शन्स का इस्तेमाल करती है,और रिमोट एरिया के लोगों को क्रिटिकल मौसम की जानकारी भेजती है। यह टेक्नोलॉजी सिग्नल्स को बढाने के लिए अन्य नज़दीकी फ़ोन्स को भी लिंक करती है ताकि लोग सिग्नल्स से कनेक्टेड रह सकें और जानकारी प्राप्त कर सकें,सबसे गम्भीर स्थिति में यह लोगों की जान बचाने में भी मदद कर सकती है।
हिमांशु गोयल भारत बिक्री और मौसम कंपनी के गठबंधन नेता ने एक बयान में कहा, "mesh नेटवर्क अलर्ट नेटवर्किंग तकनीक उचित रूप से संभावित मौसम संबंधी घटनाओं या आपदाओं के बारे में सूचित करती है - यहां तक कि सीमित इंटरनेट कनेक्शन वाले क्षेत्रों में या सेलुलर नेटवर्क बाधित होने पर भी आपको यह जानकारी उपलब्ध करवाएगी।
Peer-to-Peer टेक्नोलॉजी mash नेटवर्क के अंदर मोबाइल डिवाइस को लिंक्स में बदलती है,जिसके माध्यम से डिवाइसेस सेल टावर इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किये बिना ही एक दूसरे से डायरेक्ट "talk" कर सकतें है। हर स्मार्टफोन एक नोड बन जाता है जो कि मेसेज को स्टोर करता है,और इस मेसेज़ को गोपनीयता बनाये रखने के साथ साथ अगले निकटतम डिवाइस तक पास करता है,ऐसा करने से एक डेज़ी चेन का निर्माण होता है,जिस से अधिक से अधिक डिवाइसेस और रिमोट एरिया तक सिग्नल पहुच पाता है,और यह सेलुलर नेटवर्क की कमी को पूरा करता है।
इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 75 प्रतिशत जनता इन्टरनेट का इस्तेमाल नहीं करती है या उन्हें इन्टरनेट एक्सेस की सुविधा उपलब्ध नहीं है। mesh नेटवर्क को लो-बैंडविड्थ एनवायरमेंट के लिए डिजाईन किया गया था,लेकिन मौसम चैनल से वही हाई क्वालिटी वाला यूजर एक्सपीरियंस और आवश्यक मौसम की जानकारी, नक्शे और अलर्ट प्रदान करने के लिए mesh तकनीक का उपयोग करता है।
गोयल ने कहा कि "Mesh नेटवर्क अलर्ट आने वाले आपदा की सूचना भेजने में मदद कर सकता है जो लोगों और उनके परिवारों को सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है। यह हमारे लिए काफी गौरव की बात है क्योंकि इस तकनीक को भारत में पहली बार पेश किया गया है। "