मोदी सरकार ने संपूर्ण भारत में 500-1000 रुपए के नोट पर बैन लगा दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद जहां देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया गया है वहीं दूसरी तरफ इस सेवा का इस्तेमाल करनें वाले यूजर्स से कुछ पैसे बतौर शुल्क भी सरकार द्दारा वसूला जा रहा है।
जी हां इस धोखे में रहनें वाले अधिकांश यूजर्स जो डिजिटल माध्यम से भुगतान कर रहे है शायद ही उन्हें इस बात की भनक हो लेकिन ये बात सौ टका सच है। यदि कोई व्यक्ति पेंशन खाते में ऑनलाइन राशि जमा करवाता है तो सरकार द्दारा उस राशि पर शुल्क वसूला जा रहा है। शुल्क की राशि करीब 300 रुपए है। वहीं यदि व्यक्ति नकद या चैक के द्दारा जमा करवता है तो इस पर कोई शुल्क नहीं वसूला जा रहा है।
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देश का सर्वश्रेष्ठ बैक स्टेट बैक हर डिजिटल या ऑनलाइन सेवा के लिए शुल्क की वसूली करता है। यहीं नहीं ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करनें पर भी शुल्क की वसूली की जा रही है। आपको बता दें कि यूजर्स द्दारा डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करनें पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। जिनमें वो सभी सेवाएं सम्मिलित है जिनके लिए आप डिजिटल भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल करते है।
यदि आप पेंशन खाते में ऑनलाइन पैसा जमा करवाते है तो पेयमेंट गेटवे ट्रांजिक्शन एंड सर्विस फीस के तहत अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है। इस राशि में सर्विस टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ यदि आप मेट्रो कार्ड में डेबिट कार्ड में रिचार्ज करवाएगें तो उस पर भी बकायदा शुल्क देना होगा।
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इसी तरह यदि आप केंन्द्रिय विद्दालयों मकी फिस का भुगतान क्रेडिट कार्ड के द्दारा करते है तो उसपर भी आपको शुल्क देना होगा। इस शुल्क की राशि फीस राशि पर आधारित है।
इसी तरह यदि आईसीआईसीआई बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है तो उसपर भी शुल्क वसूला जाएगा।
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