नई दिल्ली। बढ़ते इंटरनेट के यूज से साइबर क्राइम में भी इजाफा देखनें को मिल रहा है। इसमें सबसे ज्यादा प्रमुख है यूजर्स की सोशल साइट्स पर बनें अकांउट्स हैकिंग। जी हां इन दिनों जितना ज्यादा इंटरनेंट का यूज बढ़ा है उतनी ही हैकिंग मामलो में इजाफा हुआ है। लेकिन आजकल जो सुनने में आ रहा है वह है स्मार्टफोन का हैक होना।
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स्मार्टफोन के हैक होने के पिछे कही ना कही स्मार्टफोन यूजर की भी गलती होती है। कहते है ना एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती। तो फिर यहा बिना किसी ऐसी गलती के ये काम भी नहीं हो सकता। आजकल स्मार्टफोन हैकिंग एक बडी समस्या बनकर उभर रहे है। थोड़ी सी लापरवाही की वजह से यूजर्स एक बड़ी समस्या में पड़ जाते है।
लेकिन यदि कुछ बातो का ध्यान रखा जाए तो इस समस्या में पड़नें से बचा जा सकता है। लेकिन सबसे पहले उन कारणों का पता होना बेहद जरुरी है जिनके कारण आप इस समस्या से घिर सकते है। तो आइए जानते है उन्ही कुछ कारणों के बारे में जिनके बारे में आपको पता होना बेहद जरुरी होता है।
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स्मार्टफोन का ऑपरेटिंग सिस्टम-
मोबाइल का पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम का होना इस समस्या का पहला वो चरण है जिसमें हैकर्स को बेहद सुविधा हो जाती है फोन हैक करनें की। क्योंकि नए स्मार्टफोन में कंपनी हार्डवेयर पर ज्यादा ध्यान देकर उन्हें हैकिं प्रूफ बनानें के लिए उसी के अनुरुप ऑपरेटिंग सिस्टम को सेफ बना रही है।
वहीं अगर बात करे ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट की तो कंपनी नए ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट में सेफ्टी फीचर को पहले शामिल करती है इसलिए ये आवश्यक है कि फोन को समय समय पर अपडेट करते रहें।
डाउनलोड एप्लिकेशन
अक्सर देखा गाय है कि यूजर किसी भी साइट से एप्लीकेशन को डाउनलोड करते है। लेकिन ऐसे ही किसी भी साइट्स से एप्लीकेशन डाउनलोड करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। ये एप्लीकेशन आपके फोन के लिए बेहद हार्मफुल हो सकती है। इसके जरिए हैकर्स खास कोड का उपयोग करते हैं। इन एप्लिकेशन को डाउनलोड करते ही आपके फोन पर हैकर्स का अधिकार हो जाता है और वो जिसे डाटा को चाहें उसे एक्सेस कर सकते हैं। इसलिए सबसे पहले ये आवश्यक है कि आप किसी भी ऐसी साइट्स से एप्लीकेशन डाउनलोड करनें से बचे। साथ ही
वाईफाई
पब्लिक वाई फाई भी हैकर्स को स्मार्टफोन हैक करनें का एक जरिए बना हुआ है। पब्लिक वाईफाई की बात करें तो आजकल सभी पब्लिक वाईफाई का यूज करना ज्यादा हो गया है। ताकि यूजर्स फ्री में ही वाईफाई का मजा ले सके। लेकिन फ्री वाई-फाई आपके लिए मुसिबत भी बन सकता है। जी हां हैकर्स का यह सबसे आसान तरीका है। नकली हॉटस्पॉट के जरिए इसमें यूजर्स को टारगेट किया जाता है। जिसकी मदद से आपका डेटा हैकर्स के पास जा सकता है।
सोशल साइट्स को पब्लिक प्लेस में लॉगइन छोड़ देना-
अक्सर ये देखा गया है कि यूजर्स किसी भी पब्लिक प्लेस में या फिर साइबर कैफे में अपनें सोशल साइट्स को लॉगइन करके उसे लॉगआउट करना भूल जाते है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है कि कहीं भी सोशल साइट्स लॉगइन करनें के बाद उसे लॉगआउनट करना ना भूले।
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