नई दिल्ली। एक अध्ययन के अनुसार 2016 के पहले दस महीने में देश में साइबर अपराध के 39730 मामले हुए जबकि वर्ष 2014 व 2015 में यह संख्या कुल मिलाकर 44,679 और 49,455 रही थी। एसोचैम-पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
इसके अनुसार,‘इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पोंस टीम (सीईआरटी-इन) ने अक्तूबर 2016 तक साइबर अपराध के मामले बढऩे की रपट दी है जबकि 39,730 सुरक्षा सेंध के मामले सामने आए।’
ग्राहकों और कारोबारियों द्वारा डिजिटल भुगतान प्रणाली को बड़े पैमाने पर अपनाने की तैयारियों के बीच इस रपट में बैंकिंग क्षेत्र की प्रणालियों की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल में बैंकिंग प्रणालियों के मामले में साइबर अपराध की घटनाएं बंढ़ी है। अक्तूबर 2016 में एटीएम कार्ड हैकिंग से भारतीय बैंक भी प्रभावित हुए जिससे 32 लाख डेबिट कार्ड धारकों पर असर पड़ा।
इसमें कहा गया है कि इस तरह के साइबर हमलों को पकडऩे व प्रतिक्रिया में ज्यादा समय लगने के कारण भारत जैसे उदीयमान बाजारों में साइबर अपराध हमलों के लिए निवेश का रिटर्न अमेरिका जैसे विकसित बाजारों की तुलना में अच्छा है। नोटबंदी के बाद मोबाइल वालेट सहित अन्य एप की संख्या में बढोतरी का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि बैंकिंग व वित्तीय क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।