फेसबुक की नयी टेक्नोलॉजी जिसकी मदद से आप टाइप कर पाएंगे अपने दिमाग से और सुन पाएंगे अपनी त्वचा से

Samachar Jagat | Friday, 21 Apr 2017 10:29:45 AM
Facebook’s newest tech will let you type with your brain and hear with your skin

फेसबुक ने हाल ही में 18 अप्रैल को अपनी F8 2017 कॉन्फ्रेंस का आगाज़ किया था, और इस कॉन्फ्रेंस में फेसबुक ने अपने फ्यूचर प्लान्स के बारें में बताया, फेसबुक ने फ्यूचर कम्युनिकेशन पर भी रौशनी डाली। फेसबुक का भविष्य की कम्युनिकेशन का विज़न काबिले तारीफ़ है. फेसबुक ने कुछ ऐसा सोचा है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकतें हैं.

फेसबुक के पास फ्यूचर कम्युनिकेशन को ले कर कुछ जबरदस्त विचार है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ने अपनी F8 डेवलपर कॉन्फ्रेंस में घोषणा की है कि फेसबुक अपनी 8 हार्डवेयर लैब बना रही है जो कि ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जिसकी मदद से आप अपने दिमाग से टाइप कर पाएंगे और अपनी त्वचा से सुन पाएंगे। जी हाँ आपने सही सुना, पहली बार में शायद आपको यकीन ना हो लेकिन फेसबुक का फ्यूचर कम्युनिकेशन का विज़न कमाल का है.

आप शायद नहीं जानतें होंगे लेकिन हमारा दिमाग हर सेकंड 40 HD मूवीज के बराबर स्ट्रीम करता है. लेकिन हम उनमे से बहुत कम कल्पनाओं को शब्दों के माध्यम से जाहिर करतें हैं, सरल शब्दों में कहें तो हमारा दिमाग प्रति सेकंड बहुत कुछ कल्पनाएं करता है और अब फेसबुक एक ऐसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है जिसकी मदद से उन कंपोनेंट्स को आपकी बॉडी में ट्रांसमिट किया जा सके. टीम एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जो कि सेंसर्स और ऑप्टिकल इमेजिंग का इस्तेमाल कर के आपके दिमाग को पढ़ सकती है, और उसके बाद उस इनफार्मेशन को शब्दों में ट्रांसलेट कर सकती है. फेसबुक के F8 कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कंपनी ने एक वीडियो दिखाया जिसमे उनके टीम की एक इंजीनियर उन सभी वर्ड्स को बता पा रही थी जो कि उसकी स्लीव्स में लगे सेंसर द्वारा उसे ट्रांसमिट किये जा रहे थे. blue या Cube जैसे सरल शब्द जो कि उसे स्मार्टफोन द्वारा भेजे जा रहे थे, वह उन शब्दों को बिना किसी अन्य व्यक्ति के दोहराये बता पाने में सक्षम थी. 

पहली नज़र में शायद यह कांसेप्ट आपको अजीब लग सकता है और आप शायद विश्वास भी ना कर पाएं लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि पहले ही इस क्षेत्र में  Braille द्वारा यह प्रयास किया जा चूका है, फेसबुक उसी फाउंडेशन पर फिर से काम कर रही है. इसका उद्देश्य यह है कि यदि एक व्यक्ति Mandarin भाषा में कुछ सोचे तो सामने वाला व्यक्ति spanish भाषा में उसे समझ जाए.

गूगल ATAP की डिवीज़न हेड Regina Dugan ने कहा कि हम इस लक्ष्य के काफी करीब है. कंपनी एक और अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति 1 मिनट में अपने दिमाग द्वारा 100 वर्ड्स टाइप कर सकता है. नॉन-इनवेसिव सेंसर्स, ऑप्टिकल इमेज टेक्नोलॉजी और मशीन लर्निंग आदि के इस्तेमाल से यह संभव हो सकता है. फेसबुक ने दिखाया कि किस तरह एक मरीज जो कि ALS से पीड़ित था वो बिना अपने हाथों का इस्तेमाल किये किस तरह अपने दिमाग से वर्ड्स को टाइप कर पा रहा था, दुनिया भर के देश विदेश की यूनिवर्सिटीज के 60 से अधिक साइंटिस्ट्स या वैज्ञानिक फेसबुक के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहें हैं ताकि अपने दिमाग से 1 मिनट में 100 वर्ड्स को टाइप किया जा सके.

लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक को प्राइवेसी से जुड़े मुद्दों का भी ध्यान रखना होगा। Dugan ने कहा कि हमारा ऑब्जेक्टिव वॉइस की स्पीड को ध्यान में रखने के साथ साथ टेक्स्ट की प्राइवेसी पर भी ध्यान देना है. Dugan ने कहा कि हम ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहतें हैं जो कि फ्यूचर कम्युनिकेशन का एक जरिया बने और हमारे पास ऐसे बहुत से विचार है जिन्हे हम शेयर करना चाहतें हैं. 

उन्होंने यह भी कहा कि आप कल्पना कीजिये दुनिया भर के 780 मिलियन लोगों की जो कि लिख और पढ़ नहीं  सकतें हैं लेकिन सोच सकतें हैं और महसूस कर सकतें हैं.

dugan ने कहा कि आप यह मत सोचिये कि यह टेक्नोलॉजी इसी साल आपको उपलब्ध होगी बल्कि इसमें कई सालों का समय भी लग सकता है.



 

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