नई दिल्ली। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बैंक 1 अप्रैल से गावों में कैंप लगाकर उपभोक्ताओं को डिजिटल लेनदेन सिखाएंगे। सूत्रों के मुताबिक इस अभियान को ‘गोइंग डिजिटल’ नाम से शुरू किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में गोइंग डिजिटल कैंप के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को डिजिटल लेनदेन के इस्तेमाल के बारे में बताएं।
सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित बैंकों की शाखाएं कम से कम एक कैंप हर महीने लगाएंगी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के बाद बाजार में नकदी की स्थिति सुधरने के बाद पिछले कुछ महीनों से डिजिटल लेन-देन में गिरावट आ रही है। पिछले साल दिसंबर के मुकाबले इस साल फरवरी में कार्ड और पीओएस मशीन के जरिये लेन-देन करीब 30 फीसदी घटकर 21 करोड़ रह गई।
जबकि इस अवधि में मोबाइल बैंकिंग करीब 20 फीसदी घटकर 5.5 करोड़ रह गई। इसे देखते हुए सरकार रिजर्व बैंक के साथ उसके दायरे में आने वाली इकाई नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की पहल करने की तैयारी की है। एनपीसीआई भीम, यूपीआई और रुपये कार्ड जैसे अपने उत्पादों पर बीमा कवर देने की तैयारी कर रहा है। नोट बंदी के बाद सरकार ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इसके इस्तेमाल पर पुरस्कार देने की भी शुरुआत की है।
एप से लेन-देन सिखाएंगे
यूपीआई और भीम रिजर्व बैंक की ओर एनपीसीआई द्वारा तैयार किए गए मोबाइल एप हैं। स्मार्ट फोन के जरिये इससे लेन-देन होता है। वहीं यूएसएसडी फीचर फोन से लेन-देन का विकल्प है। बैंक उपभोक्ताओं को इसके जरिये लेन-देन करना सिखाएंगे।
बीमा से प्रोत्साहन मिलेगा
एनपीसीआई रुपे कार्ड, भीम और यूपीआई एप एवं यूएसएसडी के जरिये लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इसपर बीमा देने की तैयारी कर रहा है। इसके जरिये लेन-देन में किसी तरह की धोखाधड़ी होती है तो बीमा से आपके नुकसान की भरपाई हो जाएगी।