नई दिल्ली। एयरटेल पेमेंट बैंक ने कहा कि राजस्थान में पायलट परियोजना के तहत दो दिन के भीतर 10,000 से अधिक ग्राहकों ने बचत खाते खोले। एयरटेल पेमेंट बैंक ने एक बयान में कहा कि ये खाते खोलने वाले ज्यादातर छोटे शहरों एवं ग्रामीण इलाकों के हैं।
यह ऐसे क्षेत्रों में बैंक सेवाओं की वृद्धि की संभावना को रेखांकित करता है। पिछले सप्ताह एयरटेल पेेमेंट बैंक पहला भुगतान बैंक बना जिसने पायलट आधार पर राजस्थान में सेवा की शुरूआत की। एयरटेल पेमेंट बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशि आरोड़ा ने कहा कि हम देश में बचत खाता जमा पर उच्च ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं। साथ ही एक लाख रुपए का व्यक्तिगत बीमा दिया जा रहा है।
नए ग्राहकों को जोडऩे के लिये आने वाले दिनों में और लाभ की पेशकश की जाएगी। राजस्थान में एयरटेल बैंक ने 10,000 एयरटेल खुदरा केंद्रों पर पायलट सेवाएं शुरू की। ये केंद्र बैंक केंद्र के रूप में भी काम करते हैं। राजस्थान में ऐसे दो तिहाई बैंक केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। एयरटेल बैंक की राजस्थान में साल के अंत तक 100,000 केंद्रों के नेटवर्क की योजना है।
जन धन खातों में 14 दिनों के भीतर जमा हुए 27 हजार करोड़ रुपए
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नोटबंदी के ऐलान के बाद 14 दिनों में जन धन खातों में जमा राशि में तकरीबन 27,200 करोड़ रूपए की वृद्धि हुई है। करीब 25 करोड़ 68 लाख जन धन खातों में कुल जमा राशि 70 हजार करोड़ रूपए के आंकड़े को पार कर चुकी है। आपको बता दें कि 23 नवंबर को यह आंकड़ा 72,834.72 करोड़ रूपए था। 9 नवंबर 2016 को इन खातों में 45,636.61 करोड़ रूपए जमा थे।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद जन धन खातों में 27,198 करोड़ रूपए जमा हुए हैं। गौरतलब है कि 25 करोड़ 68 लाख जन धन खातों में से 22.94 प्रतिशत खातों में अब भी एक रूपया नहीं है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा का कहना है कि सरकार के 500, 1,000 रुपये के नोट को अमान्य करने के फैसले से गरीबों को काफी परेशानी हुई है।
इससे आने वाली 30 दिसंबर तक अर्थव्यवस्था को 1.28 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। अमित मित्रा ने यह भी कहा, मेरी भचता इससे आम गरीब व्यक्ति पर पडऩे वाली दोहरी मार को लेकर है। इससे आम आदमी को काफी दिक्क्त हो रही है। इसका कारोबारी गतिविधियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। 50 दिन में इससे 1.28 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन का नुकसान होने का अनुमान है। इससे छोटे, मध्यम और यहां तक कि बड़े कारोबार भी कमजोर पडेंगे।