बेंगलूरू। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रिकॉर्ड तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के लिए पॉली उमरीगर अवार्ड जीतने के बाद कहा कि उनकी क्षमता पर हमेशा सवाल उठाए गए, लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा था जिसकी वजह से वह सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनकर उभरे हैं।
तीनों प्रारूपों में भारत की कप्तानी संभाल रहे विराट पहले भारतीय क्रिकेटर भी बन गए हैं जिसने तीन बार पॉली उमरीगर अवार्ड जीता है। यहां बुधवार रात आयोजित समारोह में विराट को बीसीसीआई के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने साथ ही कहा कि वह हमेशा से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनना चाहते थे और अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं।
विराट ने कहा मैं हमेशा से दुनिया का बेहतरीन क्रिकेटर बनना चाहता था। इसलिए मुझे पता है कि तीनों प्रारूपों में अच्छा खेलने के लिए क्या किए जाने की जरूरत है। विराट ने साथ ही आलोचकों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उनकी प्रतिभाओं पर लगातार सवाल उठाए गए, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं करते हुए खेल पर अपना ध्यान केंद्रित रखा।
कप्तान ने कहा मेेरे कॅरियर में बहुत सारे लोगों ने संदेश किया और मेरे खेल पर भी लगातार सवाल उठाये गए। आज भी बहुत सारे लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं, लेकिन मैंने इसके बावजूद खुद पर हमेशा भरोसा कायम रखा और इसने मुझे आगे बढऩे में मदद की। कोहली ने कहा कि मेरे दिल में हमेशा ही था कि अगर मैं अपनी जिंदगी में 120 प्रतिशत मेहनत करूं तो मुझे किसी को जवाब देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 से 12 महीने सचमुच अविश्वसनीय रहे हैं। बतौर क्रिकेटर हर किसी के लिए एक साल शानदार रहता है। 2015 के अंत से शुरू होकर 2016 के अंत तक, शायद मैं इसे अपने कॅरियर का अद्भुत वर्ष कह सकता हूंं। इतनी कड़ी मेहनत, रोजाना की गई इतनी ट्रेनिंग, इतने सारे बलिदान, सब मिलकर शानदार रहे। साथी खिलाडिय़ों की मदद के बिना यह संभव नहीं हो सकता था।