नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण मंगलवार (एक नवंबर) को 42 साल के हो गए। 1974 में हैदराबाद में जन्मे लक्ष्मण को सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे सर्वकालिक महान भारतीय टेस्ट क्रिकेटरों में गिना जाता है। जैसे कि इस खिलाड़ी का नाम लिया जाता है और फैंस को इनकी 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन में खेली पारी याद न आएं ऐसा कैसे हो सकता है, इसी धमाकेदार पारी के बाद इनकी जिंदगी ही बदल गई थी।
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कोलकाता के ईडन गार्डन में 2001 में सभी क्रिकेट फैंस का ध्यान सिर्फ सचिन तेंदुलकर पर था। इस मैच में एक के बाद एक खिलाड़ी आउट होते रहे और सचिन तेंदुलकर भी कुछ खास नहीं खेल पाए। जब सिर्फ 10 रन बनाकर सचिन पवेलियन लौटे तब भारत का स्कोर सिर्फ 115 था। सचिन के आउट हो जाने के बाद भारत के ऊपर दवाब बढ़ गया।
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इसके बाद फैंस में उत्साह खत्म हो गया और वह स्टेडियम छोडक़र जाने लगे लेकिन अगले दिन नराजा कुछ और ही देखने वाला था। सचिन के बाद कप्तान सौरव गांगुली बल्लेबाजी करने आए और लक्ष्मण का साथ देते हुए पारी को आगे ले गए। लक्ष्मण और गांगुली के बीच 117 रन की साझेदारी हुई। गांगुली 48 रन बनाकर आउट हुए।
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इसके बाद गांगुली आउट हो गए और फिर राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी करने आए। वीवीएस लक्ष्मण ने एक इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया था की वह द्रविड़ के जैसे एक अच्छे बल्लेबाज बनना चाहते थे। फिर ईडन गार्डन में जो कुछ देखने को मिला शायद ही वह आगे कभी देखने को मिले। साउथ जोन के लिए एक साथ खेलने वाले दोनों बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धुलाई करते हुए नजर आए। दोनों के बीच 376 रनों की साझेदारी हुई। द्रविड़ 180 रन बनाकर आउट हुए जबकि लक्ष्मण ने 281 रन बनाए।
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भारत ने अपनी दूसरी पारी की घोषणा 657 रनों पर कर दी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया के सामने 383 रन का लक्ष्य था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम सिर्फ 212 रन पर ऑल आउट हो गई इस तरह भारत ने इस मैच को 171 रन से जीत लिया था।