नई दिल्ली। अनुभवी भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाल पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के डोपिंग परीक्षण में विफल रहने के कारण चार साल का प्रतिबंध लग सकता है।
हालांकि अखिल भारतीय फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष सुब्रत दत्ता ने कहा है कि सुब्रत अपील कर सकते हैं और यदि उनकी अपील मंजूर होती है तो सजा कम कर दो वर्ष की जा सकती है।
उन्होंने साथ ही कहा कि यदि पॉल यह स्पष्ट कर पाते हैं कि उन्होंने गलती से दवा ली थी और इसका उद्देश्य किसी भी तरह प्रदर्शन में सुधार करना नहीं था तो उन्हें माफ किया जा सकता है।
इस बीच 30 वर्षीय फुटबॉलर ने माना कि हाल में उन्होंने सर्दी जुकाम के कारण दवाएं ली थीं, लेकिन उन्होंने इसके बारे में डॉक्टर को जानकारी दे दी है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने सुब्रत पॉल के 18 मार्च को किए गए परीक्षण में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया है। पॉल ने हालांकि खुद को निर्दोष बताया है।
उन्होंने कहा मैंने कुछ गलत नहीं किया है और कभी करूंगा भी नहीं। मैं इस खबर से हैरान हूं। आईलीग में डीएसके शिवाजियंस के लिए खेलने वाले पॉल अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अपने बी नमूने की जांच कराने के लिए अपील कर सकते हैं।
पॉल का कंबोडिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच से पूर्व मुंबई में परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण नाडा के अधिकारियों ने किया था। पॉल ने वर्ष 2007 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था।