नोट बंद कर नए नोट जारी करने का प्रधानमंत्री का निर्णय अच्छा : पीवी सिंधू

Samachar Jagat | Thursday, 10 Nov 2016 11:23:34 PM
Prime Minister good decision on issue new notes after demonetisation old says Sindhu

भोपाल। रियो ओलंपिक में देश के लिए रजत पदक जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय की आज प्रशंसा की।

इस संबंध में पूछे गए सवाल पर सिंधू ने संवाददाताओं से कहा कि मैं मानती हूं कि मोदी जी ने यह एक अच्छा फैसला किया है।....अब 2000 रुपए का नया नोट आएगा। यह एक अच्छा फैसला है, इस बारे में इससे अधिक कुछ नहीं।

सिंधू ने उनके कोच पी गोपीचंद के साथ बड़े परदे की फिल्म में आने के बारे में पूछने पर कहा कि मुझे भी इसका इंतजार है कि यह कब परदे पर आएगी।
मध्यप्रदेश सरकार के ‘शिखर खेल अलंकरण 2016’ समारोह में शामिल होने यहां आई प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कहा कि उनकी और उनके कोच पी गोपीचंद की बड़े परदे पर फिल्म आती है तो उन्हें प्रसन्नता होगी।

उन्होंने कहा कि हम भी देख रहे हैं कि यह कब आएगी। हमें लोगों से जो प्यार मिल रहा है। उसके लिए हम लोगों के शुक्रगुजार हैं। देखें आगे क्या होता है हमें भी इसका इंतजार है।

प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में कम बोली लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं नीलामी और पैसे के बारे में नहीं सोचती। हमें खेल के लिए खेलना है, पैसे के लिए नहीं।....मेरा सोचना है कि हमें सिर्फ अच्छा खेलना है। पैसा, पुरस्कार और पहचान उसके बाद की बातें हैं।

एक सवाल के जवाब में सिंधू ने कहा कि रियो ओलंपिक में पदक जीतने के बाद मिले सम्मान के बाद उनका जीवन बदल गया। इसके बाद लोगों की उम्मीदें भी उनसे बढ़ गई हैं। इसलिए अब और कड़ी मेहनत करनी होगी।

सिंधू के बैडमिंटन कोच पी गोपीचंद ने कहा कि देश में बैडमिंटन खेल को काफी बढ़ावा मिल रहा है। तथा यहां इसके विस्तार की अनेक संभावनाएं हैं। अलग-अलग प्रदेशों में इसका काफी विस्तार भी हो रहा है तथा इसके अच्छे कोचों की काफी जरूरत है। बैडमिंटन खेल में हमारे देश में काफी प्रतिभाएं है। इस खेल में अलग-अलग राज्य काफी अच्छा काम कर रहे हैं और कुछ कॉर्पोरेट्स भी काफी अच्छा काम कर रहे हैं। इससे आने वाले समय में बैडमिंटन के काफी अच्छे खिलाड़ी उभरकर आएगें।

गोपीचंद ने कहा कि देश में खेल की बहुत प्रतिभाएं है। उन्हें और सुविधाएं देने की जरूरत है। राज्य बड़े खिलाडिय़ों पर खर्च करते हैं इसके साथ ही निचले स्तर पर भी खिलाडिय़ों के लिए सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि खेल में प्रारंभिक स्तर पर हम जो बीज आज बोते है। फिर उसकी देखभाल और पोषण में 8 से 10 साल लगते हैं। तब वह विकसित होकर उच्च स्तर पर पहुंचकर अच्छा खिलाड़ी बन पाता है।



 

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